मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ के कारण जहां किसानों द्वारा फसल नहीं लगायी जा सकी, उसे भी फसल क्षति मानते हुए उचित सहायता दी जाए। लगी फसल की क्षति का भी आकलन हो, प्रभावितों को तय सहायता मिले। मुख्यमंत्री, बुधवार को बाढ़ व सूखा को ले उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक, मैराथन मोड में 5.30 घंटे चली। उन्होंने कहा कि बीते तीन-चार दिनों में बाढ़ से हुई क्षति का पूरा आकलन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा-कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिलों के जिलाधिकारी बाढ़ से हुई क्षति का पंचायतवार सही तरीके से आकलन करें, ताकि इसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग पशुओं के नुकसान का आकलन कराए और पशुपालकों की सहायता करे। जिलों के उन क्षेत्रों को गंभीरता से देखा जाए, जहां कम बारिश की स्थिति बन रही हो। सूखे की स्थिति में तय गाइडलाइन के अनुसार प्रभावितों को मदद दी जाए।
7,95,538 परिवारों को मिले 477.32 करोड़
बैठक के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि इस बार अभी तक तीन चरणों में बाढ़ आई है। 7,95,538 परिवारों को 477.32 करोड़ दिए गए हैं। यह ग्रैच्युट्स रिलीफ की राशि है। बाकी बचे लोगों को 25 सितंबर तक यह राशि मिल जाएगी। बाढ़ से 26 जिलों के 16.60 लाख परिवारों की 69.63 लाख जनसंख्या प्रभावित हुई है। इन्हें हरसंभव मदद की जा रही है।
इसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग पशुओं के नुकसान का आकलन कराए और पशुपालकों की सहायता करे। जिलों के उन क्षेत्रों को गंभीरता से देखा जाए, जहां कम बारिश की स्थिति बन रही हो। सूखे की स्थिति में तय गाइडलाइन के अनुसार प्रभावितों को मदद दी जाए।