महाराष्ट्र में भले ही बीजेपी शिवसेना गठबंधन जीत रही हो, लेकिन उससे बुरी खबर ये है कि फड़नवीस सरकार की कद्दावर मंत्री रही पंकजा मुंडे अपने भाई से हार गई हैं ।
फडणवीस सरकार के कुछ मंत्री रुझानों में पीछे चल रहे हैं तो वहीं उनकी सरकार की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) को अपने उनके चचेरे भाई एनसीपी नेता व महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्ष धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। परली विधानसभा सीट पर धनंजय ने उन्हें करीब 26 हजार वोटों के अंतर से हराया है।
ग़ौरतलब है कि पंकजा मुंडे को जिताने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार किया था, फिर भी ये सब दिग्गज नेता पंकजा की हार को नहीं रोक पाए।
पंकजा मुंडे दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं। उनके मुकाबले में एनसीपी ने धनंजय मुंडे को उतारा है, जो रिश्ते में पंकजा के चचेरे भाई हैं। धनंजय भी पहले बीजेपी में ही थे, लेकिन साल 2013 में उन्होंने यह कहकर पार्टी छोड़ दी थी कि चाचा गोपीनाथ मुंडे अपनी बेटी पंकजा को प्रमोट करने के चक्कर में उनका कद बढ़ने नहीं दे रहे।
फिलहाल धनंजय महाराष्ट्र विधान परिषद के विपक्ष के नेता हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में भी परली सीट पर पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे का आमना-सामना हुआ था। उस दौरान पंकजा ने उन्हें 25,895 वोटों से मात दी थी।
पंकजा अपने कार्यकाल में कई बार विवादों में आईं। उनपर घोटाले के आरोप लगे तो सूखे की मार झेल रहे लातूर का दौरा करने के दौरान सेल्फी लेने को लेकर उनको काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।