ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर अनिल कुमार सिंह के दरभंगा स्थित आवास से मिले जमीन के 25 दस्तावेज और जब्त हुए 67 लाख रुपए विशेष निगरानी कोर्ट में मंगलवार को पेश किया गया। इधर, एसएसपी जयंत कांत ने बताया कि इस केस को आर्थिक अपराध इकाई को भेजा जा रहा है। अभी एएसपी पश्चिमी कांड की जांच करेंगे। फिलहाल इंजीनियर को निजी मुचलके पर थाने से ही छोड़ा गया है। उन्होंने जांच में सहयोग का भरोसा दिया है। अधीक्षण अभियंता ने सोमवार को पूछताछ में अधिकारियों से कहा था कि यदि उसने मुंह खोल दिया तो पटना तक विस्फोट हो जाएगा। गौरतलब है कि दो दिनों से उनसे इनकम टैक्स, ईओयू व पुलिस अधिकारी मैराथन पूछताछ कर रहे थे।

आईपीसी की धारा 424 व भ्रष्टाचार निवारण की धारा 13 (1 बी) लगाई गई
एएसपी पश्चिमी सैयद इमरान मसूद ने जब्त लैपटॉप और मोबाइल भी जज के समक्ष रखा। बताया कि लैपटॉप को इंजीनियर ने चालू नहीं किया है। इस वजह से इसमें क्या साक्ष्य या डाटा है, इसकी जांच नहीं हो पाई है। वहीं, जब्त रुपए को ट्रेजरी में जमा किया जाएगा। जब्त लैपटॉप के डेटा की जांच एक्सपर्ट की मदद से की जाएगी। फकुली ओपी अध्यक्ष उदय कुमार सिंह के बयान पर दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 424 व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1 बी) लगाई गई है। दारोगा ने बयान में कहा है कि दरभंगा के लहेरिया सराय थाने के बरहेता रोड स्थित अपार्टमेंट के फ्लैट से जब्त हुए 25 दस्तावेज में अधिकांश 70 के दशक के हैं।
एक दस्तावेज में दो से ढाई बिगहा जमीन है। जब्ती सूची में दस्तावेज के अनुसार कितनी जमीन है इसे पुलिस ने नहीं खोला है। दस्तावेज में 16 केवाला हैं। इसमें इंजीनियर के पिता सत्यनारायण सिंह के नाम 5 केवाला, 6 सादा स्टाम्प पेपर, प्रेमलता देवी के नाम 4 केवाला, एक महदनामा व दो बिक्री बंध पत्र, एक केवाला जनक नंदनी देवी, जामुन महतो के नाम के दो केवाला, गौनौर महतो के नाम एक केवाला, विशुनदेव साह के नाम के एक केवाला हैं। जमीन के कागजात पुराने होने के कारण सारी जमीन पैतृक संपत्ति मानी जा रही है। इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई करेगी।