मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति, जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग एवं युवा व महिला उद्यमी योजना के लिए अब आवेदकों को आवेदन के दौरान फर्म का निबंधन एवं उसी नाम से करेंट अकाउंट खोलने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक परिमल कुमार सिन्हा ने कहा कि इस संशोधन से आवेदकों की परेशानी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आवेदकों को इसके लिए जागरूक भी किया गया है। वैसे आवेदक जो प्रोपराइटरशिप के तहत नई इकाई लगाना चाहते हैं। उन्हें अब अपने नाम से ही करेंट अकाउंट खोलना होगा। योजना के लिए चयन होने पर फर्म का निबंधन और उसी फर्म के नाम से अकाउंट ट्रांसफर कराने के बाद राशि दी जाएगी। करेंट अकाउंट की तिथि की बाध्यता भी खत्म कर दी गई है।
फर्म के निबंधन और उस नाम से अकाउंट की मांग होने से आवेदकों को इसमें काफी समय लग रहा था। पैसे भी लग रहे थे। जीएम ने कहा कि जिले में योजना के तहत 400 चयनितों को इकाई लगाने के लिए लाभ दिया जाएगा। 13 सितंबर तक आवेदन होना है। इसके लिए काफी संख्या में इच्छुक लोग उद्योग केंद्र आ रहे हैं। उन्हें आवेदन करने में हर तरह से सहयोग के लिए हेल्प डेस्क भी काम कर रहा है। आवेदकों की परेशानी को देखते हुए बदलाव किया गया है। लेकिन, पार्टनरशिप फर्म व कंपनी के मामले में फर्म के नाम से ही अकाउंट खोलने होंगे।