बिहार में जब से कोरोना का प्रकोप बढ़ा है । स्कूल-कॉलेज बन्द हो गया है । बच्चों को घर बैठें ही ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है । प्राइवेट स्कूल वालें मोबाईल या लैपटॉप पर ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं वहीं बिहार सरकार इससे पहले तक टीवी चैनल के माध्यम से पढ़ाई करवा रही थी । लेकिन अब बिहार के सरकारी स्कूल के बच्चे भी प्राइवेट स्कूल के बच्चे की तरह टैब या लैपटॉप पर पढ़ाई कर सकेंगे । बिहार के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 36 लाख बच्चों को सरकार टैब या छोटा लैपटॉप देने पर विचार कर रही है। कक्षा 9 से 12वीं तक के बच्चों को डिजिटल पढ़ाई के लिए सरकार टैब या अन्य गैजेट देने की तैयारी में जुटी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तैयार करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने प्रेजेंटेशन दिया है।
अपर मुख्य सचिव ने कंपनी के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया है की लिखित रूप से प्रजेंटेशन के पूरे प्रस्ताव को विभाग को दें ।शिक्षा विभाग ने अभी तय नहीं किया है कि बच्चों को टैब दिया जाए या फिर छोटा लैपटॉप। इस पर कितनी राशि खर्च होगी इस पर अगली बैठक में चर्चा होगी । कंपनी से प्रस्ताव मिलने के 15 दिनों के बाद विभाग फिर इस पर विमर्श करेगा ।
बता दें, कोरोना वायरस से पिछले साल से ही राज्य के स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बाधित है। खासकर सरकारी स्कूल में पढ़ाई अधिक प्रभावित है। बिहार सरकार ने डिजिटल पढ़ाई के लिए गैजेट देने के लिए केंद्र सरकार से प्रस्ताव किया था लेकिन इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया। बिहार सरकार का प्रस्ताव था कि कोरोना के कारण स्कूल बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए टैब या गैजेन्ट्स देने का प्रस्ताव रखा । कक्षा 9 से 10 के बच्चों को टैब देने के लिए राज्य सरकार की ओर से मांग की गई जिसे केंद्र ने खारिज कर दिया।