
बाढ़ अब बिहार की नियती बन गई है । लेकिन शहरों में जब बिना नदी के बाढ़ आ जाए तो क्या कहना । मामला बिहार के मधुबनी जिले के सदर अस्पताल का है । तस्वीरें ऐसी आप पानी-पानी हो जाएं । नर्स सहित मरीज को पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ता है । सदर अस्पताल के आवेदन पर कार्रवाई नहीं होती । ऐसे समाज को पानी-पानी होना ही चाहिये ।
सदर अस्पताल में जलजमाव की समस्या ने रोगियों के अलावा चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों की परेशानी बढ़ा दिया है। अस्पताल के यक्ष्मा कार्यालय में तीन फीट पानी देखा जा रहा है। वहीं, अस्पताल के ओपीडी जाने वाले रास्ते, एसएनसीयू भवन, सिटी स्कैन, एक्स-रे, कक्ष, प्रसव कक्ष जाने वाला सड़क पर जलजमाव सिरदर्द बन गया है। अस्पताल के कई डॉक्टरों के चेंबर में पानी घुस गया है। जिससे इलाज को आने वाले मरीजों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। सदर अस्पताल से जलनिकासी की कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो सकी है। जिसके चलते बारिश होने पर प्रत्येक वर्ष सदर अस्पताल में जलजमाव की समस्या खड़ी हो जाती है। मगर, जलनिकासी के लिए न तो स्वास्थ्य विभाग ही कोई ठोस कदम उठा रही है और न ही नगर निगम प्रशासन को इसकी सुध है। इसका खामियाजा अस्पताल के डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों व मरीजों को भुगतना पड़ता है। अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि सदर अस्पताल से जलनिकासी व्यवस्था बहाल करने के लिए निगम प्रशासन को कहा गया है। लेकिन अभी तक कुछ ठोस काम नहीं हुआ है ।

बता दें कि बाबूबरही पंचायत अंतर्गत बाबूबरही गोट व मोहनपुर के बीच पूर्वी बाजार में मुख्य सडक पर कई वर्षों से ह्यूम पाईप दिया गया था। जिस होकर पानी का निकासी हो जाता था, लेकिन कालांतर में इसे अतिक्रमित कर भर दिया गया है। जिस कारण कई समुदाय के लोगों के घरों में पानी घूस गया है। कहा है कि अतिक्रमण को मुक्त कराया जाए या फिर इस समस्याओं से निजात की दूसरी व्यवस्था की जाए।