हिमाचल प्रदेश के राजा साहब नहीं रहें । 87 साल की उम्र में शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (आईजीएमसी) में तड़के साढ़े चार बजे उनका निधन हो गया ।।वीरभद्र सिंह हिमाचल के 6 बार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं । इंदिरा गाँधी से लेकर मनमोहन सरकार तक में वो मंत्री रहें । उनके निधन से पुरे हिमाचल में शोक की लहर तैर गई है ।
वीरभद्र सिंह पिछले करीब 2 महीने से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें दो बार कोरोना हो चुका था लेकिन वह ठीक हो गए थे। दो दिनों से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। वीरभद्र सिंह को 7 जुलाई दोपहर रामपुर से इलाज के लिए शिमला स्थित आईजीएमसी में भर्ती कराया गया। आईजीएमसी से जुड़े डॉक्टरों का कहना है कि पिछले कुछ समय से वीरभद्र सिंह सर्दी-खांसी से पीड़ित थे, इस वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही थी।
5 बार सांसद और 6 बार सीएम रहे
वीरभद्र सिंह हिमाचल कांग्रेस में बड़ा नाम रहे हैं। वह संसद से लेकर राज्य विधानसभा के कई बार सदस्य रहे। उनके राजनीतिक अनुभव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अपने जीवनकाल में वह 9 बार विधायक और पांच बार सांसद रहे। उन्होंने 6 बार सीएम के रूप में हिमाचल प्रदेश की बागडोर संभाली। पहली बार 1983 में वह मुख्यमंत्री बने थे और 1990 तक लगातार 2 बार इस पद पर बने रहे। इसके बाद 1993 से 1998, 2003 से 2007 और 2012 से 2017 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वर्तमान में वह सोलन जिले के अरकी से विधायक थे।
इंदिरा गांधी से लेकर मनमोहन सरकार में रहे मंत्री
हिमाचल प्रदेश में राजा साहब के नाम से पुकारे जाने वाले वीरभद्र सिंह 1962 में पहली बार सांसद बने। इसके बाद 1967, 1971, 1980 और 2009 में सांसद चुने गए। वे इंदिरा गांधी के नेतृत्व में साल 1976-77 में पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री बने। वीरभद्र सिंह मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 28 मई 2009 को इस्पात मंत्री बनाए गए। 19 जनवरी, 2011 को उनको सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग का मंत्री बनाया गया था।
वीरभद्र सिंह के निधन पर हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में 3 दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है। राजकीय शोक 8 से 10 जुलाई तक रहेगा, इस दौरान राज्य में कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा।