बिहार उपचुनाव में जो हुआ वो लोकतंत्र का सबसे खूबसुरत तस्वीर थी । ये तस्वीर उन वोटरों के लिये एक मिशाल है जो मतदान करने सिर्फ इसलिये नहीं जाते क्योंकि बाहर थोड़ी सी धूप होती है । मामला बिहार के समस्तीपुर का है ।
बिहार के समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट पर सोमवार को वोट डाले गए। हालांकि इस उपचुनाव में वोटिंग का प्रतिशत काफी कम देखा जा रहा है। बावजूद इसके, समस्तीपुर (Samastipur) से एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जो लोगों को मतदान करने की सीख दे रही है। ये उन मतदाताओं के लिए एक उदाहरण है, जो अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करते हैं। दरअसल समस्तीपुर के गरुआर गांव के बूथ संख्या 144 पर ऐसे मतदाता पहुंचे थे, जिनके परिवार के एक सदस्य की मौत हो गई थी। घर के दरवाजे पर मृतक का शव रखा था लेकिन लोकतंत्र के इस पर्व के महत्व को समझते हुए उन लोगों ने पहले मतदान करना उचित समझा। उसके बाद मृतक के शव का दाह संस्कार किया जाएगा।
दरअसल समस्तीपुर सदर प्रखंड के गरवारा गांव में रेलवे से ड्राइवर के पद से अवकाश प्राप्त व्यक्ति राजेन्द्र झा की मौत सोमवार सुबह 10:00 बजे के करीब हो गई। कल तक मृतक राजेन्द्र झा समस्तीपुर लोकसभा चुनाव को लेकर काफी उत्साहित थे और मतदान करने की तैयारी कर रहे थे। उन्हें इंतजार था 21 अक्टूबर का कि वह इस उपचुनाव में मतदान करेंगे। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। उनका वह सपना साकार नहीं हो पाया। लोकतंत्र के इस पर्व में उनके परिवार के सभी सदस्य शोक के बावजूद मतदान केंद्र पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
वहॉं के पदाधिकारी कहते हैं, ‘लोकतंत्र तभी सफल होता है, जब हरेक मतदाता जागरूक होकर मतदान जरूर करें’ ।