भारतीय मूल के अमेरिकी अभिमन्यु मिश्रा ने 12 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है. न्यू जर्सी में रहने वाले अभिमन्यु मिश्रा दुनिया के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बन गए है. बुधवार को बुडापेस्ट में आयोजित हुए इवेंट में अभिमन्यु ने अपना तीसरा ग्रैंडमास्टर कोटा हासिल किया. जिसमें वो पहले ही आवश्यक 2500 एलो रेटिंग की बाधा को पार कर चुके थे.
चेस डॉट कॉम ने ऑफिशल स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा,
इसी के साथ ही अभिमन्यु मिश्रा ने 19 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. उन्होंने ग्रैंडमास्टर सर्गेई कारजाकिन के रिकॉर्ड को तोड़ा है. 2016 के विश्व चैम्पियन चैलेंजर करजाकिन ने 12 अगस्त 2002 को 12 साल और सात महीने की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया था.
अभिमन्यु, जिनका जन्म 5 फरवरी 2009 को हुआ, उन्होंने ये खिताब हासिल करने में महज 12 साल, चार महीने और 25 दिन लगाए.
उसके बाद कार्जकिन ने भी अभिमन्यु को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देने में देर नहीं लगाई. उन्होंने कहा है कि एक बेहतरीन करियर के लिए ये अच्छी शुरुआत है. कार्जकिन ने कहा,
अभिमन्यु ने कई महीने बुडापेस्ट, हंगरी में एक के बाद एक टूर्नामेंट खेलते हुए, खिताब और रिकॉर्ड का पीछा करते हुए गुजारे हैं. उन्होंने अप्रैल में वेज़रकेपज़ो टूर्नामेंट और मई 2021 के पहले शनिवार टूर्नामेंट में अपने पहले और दूसरे जीएम मानदंड दोनों को स्कोर किया. दोनों राउंड-रॉबिन 10 खिलाड़ियों के स्कोरिंग मानदंडों स्थापित करने के लिए थे.
इस महीने अपने अंतिम प्रयास में अभिमन्यु को सफलता मिल ही गई. कई चेस प्लेयर एक लम्बी अवधि के लिए बुडापेस्ट में रुके थे, इसलिए आयोजकों ने एक आखिरी कार्यक्रम बनाया. अभिमन्यु को पता था कि हंगरी छोड़ने से पहले यह उनका आखिरी मौका हो सकता है. ग्रैंड मास्टर बनने के बाद अपनी जीत पर अभिमन्यु ने कहा कि उन्हें विरोधी की गलतियों का फायदा मिला. उन्होंने कहा कि मुकाबला बेहद मुश्किल था. लेकिन आखिर में लियॉन से गलतियां हुईं, जिसका फायदा मुझे मिला. मैं अपनी उपलब्धि से बेहद खुश हूं.
साभार – दलल्लनटॉप