सीजन की पहली बुद्धिस्ट सर्किट टूरिस्ट ट्रेन अपने सफर पर निकलने के लिए तैयार है। ये ट्रेन 19 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना होगी। यही नहीं ये ट्रेन तमाम सुख-सुविधाओं से लैस है।
यह ट्रेन 8 दिन के सफर पर देश-विदेश के सैलानियों को भगवान बुध से जुड़े हुए तीर्थ स्थानों का नजारा दिखाने के लिए निकलेगी। इस ट्रेन में एसी फर्स्ट क्लास के लिए 96 सीटें हैं तो वहीं ऐसी सेकंड क्लास के लिए 60 सीटें हैं।
बुद्धिस्ट सर्किट टूरिस्ट ट्रेन अपने आप में खास है। इस अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इस ट्रेन को खासतौर पर आईआरसीटीसी ने तैयार करवाई है। इसमें एसी फर्स्ट क्लास का किराया तकरीबन सवा लाख रुपए है तो वहीं एसी सेकंड क्लास का किराया तकरीबन 100000 रू है।
इस ट्रेन को विदेशी सैलानियों की मांग को देखते हुए तैयार किया गया है। इसमें चलते फिरते दो रेस्टोरेंट है जिनमें सैलानियों के लिए खाना परोसा जाता है। हर एक रेस्टोरेंट में 64 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
आईआरसीटीसी के प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने बताया की बुद्ध सर्किट की स्पेशल ट्रेन इस बार 12 फेरे लगाएगी। ये ट्रेन 19 अक्टूबर को दोपहर सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना होगी। यहां से रवाना होने के बाद ट्रेन सीधा गया जाएगी।
इस दौरान ट्रेन में ही लोगों को डिनर परोसा जाएगा। दूसरे दिन यानी 20 अक्टूबर को ट्रेन के अंदर ही ब्रेकफास्ट कराया जाएगा। ट्रेन सुबह-सुबह गया पहुंच जाएगी और वहां से बोधगया के लिए रवाना होंगे जहां होटल में चेकिंग किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि बोधगया में आसपास की जगह देखने के लिए लोगों को ले जाया जाएगा। होटल में ही डिनर कराया जाएगा और रात में होटल में ही सैलानी रुकेंगे। तीसरे दिन यानी 21 अक्टूबर को होटल में ब्रेकफास्ट करने के बाद बोधगया से राजगीर की तरफ सैलानियों को ले जाया जाएगा। राजगीर में होटल में लंच कराया जाएगा और उसके बाद नालंदा दिखाने के लिए सेनानियों को ले जाया जाएगा।
राजगीर और नालंदा देखने के बाद सैलानियों को गया रेलवे स्टेशन वापस लाया जाएगा। ट्रेन के अंदर डिनर कराया जाएगा और यहां से ट्रेन वाराणसी की तरफ चल देगी। चौथे दिन यानी 22 अक्टूबर को ट्रेन वाराणसी पहुंच जाएगी। वहां से सैलानियों को सारनाथ दिखाने के लिए ले जाया जाएगा। होटल में रुका कर उनको लंच कराया जाएगा और उसके बाद गंगा में नाव की सवारी भी कराई जाएगी।