केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों को लगातार पराली जलाने को लेकर मना किया जाता रहा है। उन्हें कई बार इस विषय पर समझाया गया है, पराली का अन्य तरीकों से उपयोग बताया गया है। हालांकि फिर भी कई किसान चुपके से खेत में पराली जला रहे हैं, जिससे खेत सहित पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है।
इसी संबंध में कैमूर जिले में कृषि विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गेहूं के डंठल जलाने के मामले में अब तक 105 किसानों का निबंधन लॉक कर दिया है। वहीं दो किसानों पर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। इतना ही नहीं, जिन किसानों का निबंधन लॉक हुआ है, उनको 3 वर्षों के लिए सभी सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा। रबी सीजन 2020-21 में कृषि विभाग ने की है कार्रवाई। सरकार द्वारा बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण पर काबू पाने और खेतों की उर्वरा शक्ति को बचाने के लिए डंठल जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का जिले के अधिकारियों को निर्देश जारी किया है। जहां कैमूर डीएम के पहल पर सभी प्रखंड के कृषि समन्वयक को इस पर नजर बनाने और कार्रवाई करने की बातें कही गई थी। सरकार द्वारा डंठल को काटने के लिए अनुदान पर किसानों को यंत्र भी उपलब्ध करा रही है, जागरूकता अभियान भी चला रही है । इसके बावजूद कई किसान अपने खेतों में ही गेहूं के डंठलों में आग लगाते चले आ रहे हैं, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है।
जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ललीता प्रसाद ने बताया कि वर्तमान रबी सीजन में डंठल जलाने के कारण कैमूर जिले के विभिन्न प्रखंडों के 105 किसानों का निबंधन लॉक कर दिया गया है। इन किसानों को सरकार के किसी भी योजना का 3 सालों तक नहीं मिलेगा लाभ। वही 2 किसानों के ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। जिन पर प्राथमिकी हुई है, उनमें कुदरा प्रखंड और भभुआ प्रखंड के किसान शामिल हैं।