बिहार में अब अप्रशिक्षित शिक्षकों की नौकरी जाने वाली है. सरकार ने अप्रशिक्षित प्रारंभिक शिक्षकों को हटाने का फैसला लिया है. ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब एक हजार है. फिलहाल वैसे अप्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा बची रहेगी जो पटना हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश से आच्छादित हैं. प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह की ओर से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी किया गया. इसके साथ ही वैसे शिक्षकों के खिलाफ भी अब कार्रवाई शुरू ही होनी है, जिनके योग्यता संबंधी प्रमाणपत्र तय सीमा में विभाग के पोर्टल पर अपलोड नहीं हो सके. ऐसे शिक्षकों को अब आखिरी मौका दिया जा सकता है.
शिक्षा विभाग द्वारा जारी ताजा अपडेट के मुताबिक, वैसे अप्रशिक्षित शिक्षक, जो 31 मार्च 2019 तक ट्रेनिंग पूरी कर डी.ईएल.एड.की मुख्य परीक्षा या पूरक परीक्षा पास कर लिये हों, उन्हें ही परीक्षाफल प्रकाशन की तिथि से वेतन भुगतान किया जाए और जो अप्रशिक्षित शिक्षक प्रशिक्षण की योग्यता नहीं रखते हैं उन्हें सेवामुक्त करने की कार्रवाई संबंधित नियोजन इकाई के स्तर से किया जाए.
शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े की जांच भी अब अंतिम चरण में पहुंच गई है. ऐसे शिक्षकों के योग्यता संबंधी दस्तावेज विभाग की ओर से निर्धारित पोर्टल पर अपलोड किए जाने की समयसीमा खत्म हो चुकी है. अब वैसे शिक्षकों की लिस्ट जिलेवार बनाई जा रही है, जिनके दस्तावेज विभाग को नहीं मिल पाए हैं. अब ऐसे शिक्षकों को एक आखिरी मौका दिया जा सकता है. इस बार चूकने पर नौकरी जाना तय हो जाएगा. आखिरी मौके के तौर पर इन शिक्षकों को खुद ही अपना प्रमाणपत्र अपलोड करने को कहा जा रहा है. ऐसे शिक्षकों की लिस्ट अलग-अलग जिलों में जारी होनी शुरू हो गई है.