आज तक अपना सुना होगा कि सीमा विवाद में पुलिस ने लाश उठाने मना कर दिया । गो’ली कहां मा’री है और मौ’त कहां हुई है- इस सवाल पर पुलिस थानों का सीमा विवाद तो सुना था । लेकिन शुक्रवार को पटना पुलिस का अनूठा मामला सामने आया । पीरबहोर थानेदार को डेंगू से मौ’त मामले में केस के लिए एक मृ’तक महिला के रिश्तेदार ने कॉल किया तो उन्होंने कहा- जहां मच्छर काटा है, उस थाना में न केस होगा। पोस्टमार्टम कराते तब न हमारे यहां केस होता।
अशोकनगर की अर्चना की मौ’त के मामले में पीएमसीएच की लापरवाही को लेकर मृत’क की बहन के बेटे अभिजीत ने पीरबहोर थानेदार रिजवान अहमद को फोन कर केस करने के बारे में पूछा था। थानेदार ने अभिजीत से कहा कि मच्छर जहां काटा है, वहीं केस होगा। अगर उनकी डेंगू से मौ’त हुई तो पोस्टमार्टम कराना चाहिए था। वहीं कंकड़बाग थानेदार अतुलेश कुमार सिंह ने कहा कि केस कराने के लिए परिजन आए थे। पीएमसीएच के डॉक्टरों की लापरवाही की शिकायत लेकर आए थे, इसलिए पीरबहोर भेजा था। श्रीराम हॉस्पीटल में मौ’त हुई है, लेकिन परिजनों ने यहां के डॉक्टरों की लापरवाही की शिकायत नहीं की है।
पीएमसीएच की जांच में नॉन रिएक्टिव आया तो घर चली गई थी अर्चना, बाद में निजी अस्पताल में मौ’त
अभिजीत ने बताया कि 36 साल की अर्चना डें’गू से ग्रसित हुई तो उन्हें 5 अक्टूबर को घर के पास ही एक क्लिनिक में भर्ती किया, लेकिन वहां उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। बाद में उन्हें 10 अक्टूबर को पीएमसीएच के डें’गू वार्ड में भर्ती कराया गया। 12 अक्टूबर को पीएमसीएच की जांच रिपोर्ट में डेंगू नॉन रिएक्टिव आया। पीएमसीएच की रिपोर्ट और वहां डॉक्टरोें के कहने पर उन्हें घर लेकर आ गए। दो दिन बाद भी बुखार आता रहा तो श्रीराम हॉस्पीटल ले गए। श्रीराम हॉस्पीटल ने जांच में डें’गू का रिपोर्ट आया। राम हॉस्पीटल में 16 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई।
अभिजीत ने कहा कि शुक्रवार को ह’त्या का केस दर्ज कराने के लिए एक थाना से दूसरे थाना का चक्कर काटते रहे। एसएसपी के कहने पर भी केस कहीं नहीं हुआ। परिजनों ने सदर एसडीपीओ से भी बात की पर केस नहीं हुआ।
पुलिस मुख्यालय का आदेश है कि अगर कोई पीड़ित किसी तरह की शिकायत लेकर आता है तो उसकी बात सुनी जाए। अगर वह आवेदन नहीं लिखना जानता है तो थाना में मौजूद पुलिस लिखे। फिर घटनास्थल पर जाकर जांच करे। अगर उसके थाना का मामला नहीं बनता है तो अपने थाना में जीरो एफआईआर कर संबंधित थाना को लिखित आवेदन भेजने के साथ ही जाे जांच में बातें आई हैं, वह बता दे ।