बिहार विधान सभा चुनाव 2020 ख़त्म हुए कई महीने गुज़र गए हैं. नई सरकार भी बन गई है. लेकिन, ये जानना बेहद ज़रूरी है कि विधान सभा चुनाव में किस पार्टी ने इलेक्शन कैम्पेन के दौरान कितनी राशि खर्च की थी. चुनाव लड़ने वाले तमाम राजनीतिक दलों ने जो खर्च का ब्योरा सौंपे हैं वे बेहद दिलचस्प हैं. तमाम राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार, यात्रा खर्च, अन्य खर्च, उम्मीदवारों पर व्यय, दलों की तरफ़ से उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि को प्रकाशित करने पर किये गये व्यय का आंकड़ा दिया जाता है, ADR ने उसे जारी किया है.
दरअसल, सभी राजनीतिक दल चुनाव में बताया था कि चुनाव समाप्ति की स्थिति के बीच प्राप्त धन की पूरी जानकारी चुनाव आयोग को सौंपते हैं. एडीआर के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि बिहार विधानसभा चुनाव में चुनाव खर्च का पूरा विवरण जदयू ने तय समय सीमा से 21 दिनों की देरी से, कांग्रेस ने 43 दिनों की देरी से और भारतीय जनता पार्टी ने 48 दिनों की देर से चुनाव आयोग को सौंपा.
वहीं, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोक दल, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, जनता दल सेकुलर, झारखंड मुक्ति मोर्चा और नेशनल पीपुल्स पार्टी ने चुनाव खत्म होने के 128 दिन बाद तक भी चुनाव खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को नहीं दिया है. यहां यह बात गौर करने लायक है कि राजनीतिक दलों को अपने चुनाव खर्च का विवरण विधानसभा चुनाव की अंतिम तिथि से 75 दिन के भीतर चुनाव आयोग में जमा करना होता है. इस विवरण में चुनाव के दौरान प्राप्त कुल राशि और दलों का खर्च होता है.