देश में LGBTQI कम्युनिटी को भले ही कानूनी मान्यता मिल चुकी हो लेकिन समाज में अपनी स्वीकृति के लिए वे आज भी संघर्ष कर रहे हैं। हालात ये है कि उन्हें अपनों का साथ ही नहीं मिल रहा है। उनके माता-पिता ही उनका साथ नहीं दे रहे हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसके पैरेंट्स को जब ये पता चला कि वह ट्रांसजेंडर हैं तो उन्होंने उसको घर से निकाल दिया। इस शख्स का नाम है एडम हैरी (Adam Hary)। हालांकि अपनों से ठुकराए एडेम आज देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट (India’s first transgender pilot) बनने जा रहे हैं लेकिन कितना मुश्किल था उनके लिए ये सफर आइए जानते हैं।
दरअसल एडम केरल से ताल्लुक रखते हैं। वह पायलट बनना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने प्राइवेट पायलट लाइसेंस की ट्रेनिंग ली। उन्हें ये लाइसेंस साल 2017 में जोहांसबर्ग में ट्रेनिंग के बाद मिला। वो एक कमर्शियल पायलट बनना चाहते थे, लेकिन जब तक अपनी ये ख्वाहिश घर में बता पाते थे, तब तक उनके जेंडर के बारे में उनके घरवालों को मालूम पड़ चुका था।
एडम ने कहा, ‘जब मैं जोहांसबर्ग से ट्रेनिंग लेकर लौटा था, तभी मेरे परिवार को मेरे ट्रांसजेंडर होने के बारे में पता चला। इसके बाद एक साल तक मेरे साथ बहुत बुरा बर्ताव किया गया। यहां तक कि वे लोग मुझे एक मनोचिकित्सक के पास ले गए। मनोचिकित्सक ने मेरा गलत इलाज कर दिया है। इसके बाद मुझे घर से निकाल दिया गया।’
हैरी आगे बताते हुए कहते हैं कि, क्योंकि घर से निकलते वक्त मैं खाली हाथ था। इसलिए कई रातें मुझे सड़कों पर गुजारनी पड़ीं। खाने तक के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे। मैं कई रातों को भूखा ही सोया।
पेट पालने के लिये जूस की दुकान पर किया काम
हैरी कहते हैं, ‘मैं अपना पेट पालने के लिए जूस की शॉप पर नौकरी करने लगा, लेकिन यहां भी मेरे ट्रांसजेंडर होने की वजह से मुझसे भेदभाव किया जाता था। इसके बाद मैंने सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट से संपर्क किया, जहां मुझे पढ़ाई के लिए अच्छी एविएशन एकेडमी को ज्वाइन करने की सलाह दी गई।’
केरल सरकार ने पढ़ाई के लिये की थी मदद
हैरी बताते हैं कि अब केरल सरकार ने मेरी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। राज्य सामाजिक न्याय विभाग ने 23.34 लाख रुपये की मदद की है। इसके बाद मैंने तिरुवनंतपुरम में राजीव गांधी एकेडमी फॉर एविएशन टेक्नोलॉजी से (Rajiv Gandhi Academy for Aviation Technology) से कमर्शियल पायलट के लिए तीन साल के कोर्स में दाखिला ले लिया है।
हैरी बताते हैं कि इस स्कॉलरशिप के लिए मैं केरल सरकार का बहुत आभारी हूं, लेकिन मेरी जिंदगी का संघर्ष अभी भी खत्म नहीं हुआ था। एविएशन अकादमी के फॉर्म में जेंडर भरने को लेकर समस्या थी लेकिन फिर बीजू प्रभाकर सर ने अकादमी को एक लेटर लिखा और आखिरकार मुझे राजीव गांधी अकादमी में विमानन प्रौद्योगिकी के लिए प्रशिक्षण शुरू करने जा रहा हूं।