आतंकवादियों की पनाहगाह बना पाकिस्तान फाइनेंशियल ऐक्शन टास्ट फोर्स (FATF)की ब्लैकलिस्ट में शामिल होने से बच गया है। FATF ने पाकिस्तान को चार महीने का समय दिया है और अगर उसने इस निर्धारित अवधि के दौरान उचित कदम नहीं उठाए तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। FATF ने पाकिस्तान को 27 टारगेट दिए थे, लेकिन वह सिर्फ 5 पर ही प्रोग्रेस दिखा सका, जबकि 22 टारगेट को पूरा करने में पाकिस्तान असफल रहा।
क्यों बच गया पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट होने से?
पाकिस्तान FATF में चीन, मलेशिया और तुर्की के समर्थन के चलते ब्लैकलिस्ट होने से बच गया, लेकिन उसके ये सारे दोस्त मिलकर भी ग्रे लिस्ट से नहीं बचा सके। FATF ने जिस तरह से पाकिस्तान को वॉर्निंग दी है, उससे स्पष्ट है कि अगर उसने आतंकवाद के खिलाफ ठोस एक्शन लेकर नहीं दिखाया तो आने वाले समय में चीन और तुर्की भी उसे ब्लैकलिस्ट होने से नहीं बचा सकेंगे।
अगले साल ब्लैकलिस्ट हो सकता है पाकिस्तान
FATF अगले साल फरवरी में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में डाला सकता है। आतंक के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाने के कारण आने वाले कुछ सालों में उसके लिए इस लिस्ट से निकल पाना असंभव है।
FATF ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था और 27 पॉइंट का ऐक्शन प्लान देते हुए एक साल का समय दिया था। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों को फंडिंग रोकने के उपाय शामिल थे। FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालते हुए सख्त निर्देश दिए थे कि वह मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ एक्शन प्लान के तहत काम करे, लेकिन तय समय में पाकिस्तान ऐसा करने में असफल रहा।
FATF की ग्रे और ब्लैकलिस्ट में आने का मतलब है क्या
FATF का काम आतंकी संगठनों की फंडिंग को रोकने के लिए नियम बनाकर उन्हें लागू कराना है। इस संस्था का गठन 1989 में किया गया था। FATF की ग्रे या ब्लैकलिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलना नामुमकिन हो जाता है। इस लिस्ट में नाम आने के बाद पाकिस्तान में विदेशी निवेश के रास्ते भी बंद होते जा रहे हैं और अगर पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट हो गया तो निवेश और कर्ज दोनों के लिए तरस जाएगा।
FATF में ब्लैकलिस्ट होने के बाद वैश्विक वित्तीय संस्थाएं भी पाकिस्तान की रेटिंग कम कर देंगी। पाकिस्तान के लिए विश्व बैंक और IMF से पैसा लेना मुश्किल हो जाएगा। यहां तक पाकिस्तान के सबसे करीबी दोस्त चीन और सऊदी अरब चाहकर भी उसे पैसा नहीं दे पाएंगे।