बिहार में ग्रामीण पथों के निर्माण और उसके रख-रखाव को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने संवेदकों और निर्माण एजेंसियों पर शिकंजा कसा है. बिहार में अब ग्रामीण पथों का मेनटेनेंस विभाग द्वारा ही कराया जाएगा. ग्रामीण कार्य विभाग (REO) की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को यह निर्देश देते हुए कहा विभाग द्वारा ग्रामीण पथों के रख-रखाव से खर्च में भी कमी आएगी और सड़कों की गुणवत्ता भी बढ़ेगी. साथ ही बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
बिहार में कोरोना संकट और मॉनसून से पहले सीएम नीतीश कुमार ने ग्रामीण सड़कों के निर्माण और उसके रख-रखाव को लेकर ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सड़कों का बेहतर निर्माण करने के साथ-साथ उसका ठीक ढंग से रख-रखाव करना भी हमलोगों का उद्देश्य है. सड़कों की मेंटेनेंस पॉलिसी को लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया गया है, ताकि सड़कों के रखरखाव संबंधी लोगों की शिकायतों का निवारण हो सके. उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों का निरीक्षण कार्य ठीक ढंग से हो इसके लिये पथों का मेनटेनेंस विभाग द्वारा ही करायें.
विभागीय स्तर पर चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक निरीक्षण कार्य पूरी जिम्मेदारी के साथ करें. विभाग के द्वारा मेंटेनेंस कार्य कराये जाने से खर्च में भी कमी आएगी और कार्य की गुणवत्ता भी बढ़ेगी. सीएम ने कहा कि इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि जिन पथों के 5 वर्षीय मेनटेनेंस की जिम्मेवारी संवेदकों को दी गयी है उनकी भी सतत् निगरानी करते रहें. इंजीनियर एवं वरीय पदाधिकारी फील्ड विजिट करते रहें ताकि सड़कों के मेनटेनेंस को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही न हो.