कोरोना महामारी को कमाई का अवसर के रूप में प्रयोग करनेवालों ने कालाबाजारी के लिए ट्रेन का भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। बीती रात जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 226 ऑक्सीजन सिलेंडर जब्त किए गए है। बताया गया कि इन सिलेंडरों को एलटीटी एस्सप्रेस ट्रेन से उतारकर गाड़ियों में लोड किया जा रहा था, इसी दौरान छापेमारी की गई। हालांकि छापेमारी से पहले वहां मौजूद सभी लोग भाग गए। फिलहाल इस बात की पड़ताल की जा रही है कि इतनी बड़ी संख्या में सिलेंडर ट्रेन से कैसे यहां पहुंचा है। सभी सिलेंडर छह किलोवाले बताए गए हैं।
पूरा मामला डीएसपी और एसडीएम ने कहा कि प्रारंभिक जांच में लगता है कि मामला कालाबाजारी से जुड़ा हुआ है, शायद कोई व्यापारी द्वारा इन सिलेंडरों को लाया गया था ,जिसके पास वैधानिक कागज नहीं रहने के कारण वह फरार हो गए हैं फिलहाल पूरे मामले पर जांच कर दिया जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल है ट्रेन में इतनी संख्या में सिलेंडर लोड था और कोई कार्रवाई नहीं होना कहीं न कहीं रेलकर्मियों और आरपीएएफ की मिलीभगत को उजागर करता है।
बोरे में पैक थे सारे सिलेंडर
जब्त किए गए सारे सिलेंडर बोरे में पैक थे, जिसके कारण किसी ने इस पर ध्यान देना जरुरी नहीं समझा। मामले में डीएसपी अमर कांत झा और एसडीएम शंकर शरण ओमी ने बताया कि सिलेडर पर एलटीटी की मार्किंग की गई है, जो कटिहार के लिए है। उन्होंने बताया कि अभी तक इन सिलेंडरों का कोई दावेदार सामने नहीं आया है। यह भी स्पष्ट है कि प्रशासन और रेलवे की तरफ से इतनी संख्या में सिलेंडरों को नहीं मंगाया गया है। अब यह जांच की जा रही ही कि आखिर वह कौन है, जिसे इतनी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर की जरुरत पड़ गई। इसके लिए रेलवे अधिकारियों से संपर्क कर जानकारी इकट्ठी की जा रही है।