अगले छह महीने में राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड सरकारी नियंत्रण से स्वतंत्र होंगें और मंदिरों पर संतों का नियंत्रण होगा। यह बात अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री दंडी स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने रविवार को अखिल भारतीय संत समिति की बिहार प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में छोटे-बड़े लगभग साढ़े 18 लाख मंदिर हैं। इसमें से साढ़े नौ लाख मंदिर पंजीकृत हैं।
कहा- सनातन धर्म के लिए संकट का समय
स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि फिलहाल साढ़े चार लाख मंदिर विभिन्न राज्यों की सरकारों के कब्जे में हैं। कोई भी ऐसा मंदिर, जहां चढ़ावा चढ़ता है, वह हमारे पास नहीं है। एक भी ऐसा मंदिर या मठ हमारे पास नहीं है, जिसके पास 100-200 एकड़ की जमीन हो। आने वाला समय सनातन धर्म के लिए संकट का समय है। बाकरगंज स्थित बाबा भीखमदास ठाकुरबाड़ी में आयोजित बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों के मठ-मंदिरों के साधु-संत पहुंचे थे।
आपसी प्रतिद्वंद्विता छोड़िए
स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा, बिहार पहले अपने पांव पर खड़ा हो। अगर बिहार खड़ा हो गया तो हम नेपाल को बचा लेंगे। आपसी प्रतिद्वंद्विता छोड़िए। ये मत देखिए कि कौन किस जिले का है और किस प्रदेश का। तय कीजिए, हम छह महीने में बिहार के हरेक जिले में 11 लोगों की कमेटी बना देंगे।
संगठित होकर करना होगा काम
राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य सुखदेव दास ने कहा, संत समाज को संगठित होकर काम करना होगा। हमारे संतों की गोली मारकर हत्या कर दी जा रही है। न्यास बोर्ड धर्म की रक्षा के लिए है। इस बात को हम धार्मिक न्यास बोर्ड में भी रखेंगे। जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे।
संतों ने संगठित होने पर दिया जोर
आचार्य महंत परमानंद साहेब ने कहा, हमें एकत्रित और संगठित होना होगा। इस मौके पर राष्ट्रीय संगठन मंत्री महर्षि अंजनेशानंद सरस्वती, प्रदेश महामंत्री स्वामी रणजीतेशानंद, प्रदेश उपाध्यक्ष स्वामी अरुणानंद, सह-संगठन मंत्री स्वामी तुलसी दास, कोषाध्यक्ष महंत उमेश दास, स्वामी कृष्ण मोहन दास, महंत विजय शंकर गिरि सहित कई जिलों के प्रभारी, संयोजक और संत-महंत उपस्थित हुए। इससे पहले संतों का स्वागत महंत विमल दास और नरेश ने किया।