लोगों को अपने घर बनाने में पसीने छूट रहे हैं. सामान के कीमत में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है. किसी प्रकार से कीमत पर नियंत्रण नहीं पाया जा रहा. गृह निर्माण सामग्री विक्रेता सिरे से कीमत को नियंत्रित होने की बात को खारिज कर रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि रोजाना बढ़ रहे कीमत का एक मात्र कारण सरकार की नीति है. आलम यह है कि पिछले दस दिन के भीतर गृह निर्माण के सामान में पचास फीसदी तक बढ़ोतरी हो गयी है. जिस वजह से लोगों को घर बनाने में काफी परेशानी बढ़ गया है. इसका असर सीधे तौर पर विकास योजनाओं पर भी पड़ रहा है.पिछले दस दिन में लोहा,गिट्टी व बालू के बढ़ोतरी हो जाने की बजह से जहां इस कारोबार से जुड़े लोगों के व्यवसाय पर असर पर रह है. वहीं घर निर्माण के काम भी प्रभावित हो गया है.
बालू व लोहा के दाम में अचानक बढ़ोतरी
बिल्डिंग मेटेरियल के काम करने वाले राजू अंसारी ने बताया कि जिस व्यापारी से एक माह पूर्व एडवांस में राशि ले लिया था, उसको अब समान की आपूर्ति करने में हमको परेशानी हो रही है. जिसका मुख्य कारण बालू व लोहा के दाम में अचानक बढ़ोतरी होना है.
65 रुपये सीएफटी के बदले नब्बे रुपये सीएफटी बिक रहा बालू.बिल्डिंग मेटेरियल के कारोबारी दिलीप सिंह व राजू अंसारी ने बताया कि 20 दिसंबर तक जिस बालू की कीमत 65 रुपये प्रति सीएफटी बिकता था, वहीं बालू अभी नब्बे रुपये का बिक रहा है. जबकि जहानाबाद के बालू 55 रुपये सीएफटी बिकता था. वह 75 रुपये प्रति सीएफटी बिक रहा है. इसी प्रकार जमुई बालू 55 रुपये के बदले 65 रुपये प्रति सीएफटी बिक रहा है.
लोहा के कीमत में भी एक हजार की बढ़ोतरी
न सिर्फ बालू के कीमत में बढ़ोतरी हुई है, लोहा के कीमत में भी प्रति क्विंटल हजार रुपये तक का इजाफा देखा जा रहा है. जानकारी के अनुसार एक सप्ताह पहले तक लोहा पहले 4500 का प्रति क्विंटल बिकता था. वह अभी 5500 प्रति क्विंटल बिक रहा है.
नये नियम से बढ़ी है परेशानी
बिल्डिंग कारोबार से जुड़े लोगों ने बताया कि खनन विभाग व परिवहन विभाग के द्वारा लगाये गये नये नियम के कारण यह परेशानी सामने आयी है. जिस प्रकार से चालान काटा जा रहा है, आने वाले दिनों में चौदह पहिया माल वाहक वाहन सहित अन्य माल वाहक वाहन मालिकों द्वारा आंदोलन किया जायेगा. विक्रेताओं ने बताया कि बालू गिट्टी व लोहा की लोड जो पहले आता था उस पर अब रोक लग गया है. अब नये नियम के तहत सभी बिल्डिंग मेटेरियल अंडर लोड ही आ रहा है. ऊपर से टोल टैक्स और खनन करने वाले लेबर की चार्ज में बढ़ोतरी कर दिया गया है. जिस वजह से दाम में इतना ज्यादा बढ़ोतरी हो गया है. ईंट के दाम में तो वैसे कुछ ज्यादा बढ़ोतरी नही हुआ है लेकिन इसकी बिक्री पर भी प्रभाव पड़ा है.