कभी जदयू के साथ राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की हाल के दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हुई मुलाकात के बाद अटकलें लगनी शुरू हो गयी हैं. सूबे की राजनीतिक गलियारों में इन दिनों यह चर्चा जोरों पर है कि आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा फिर एक बार सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हाथ मिला सकते हैं. दो दिसंबर को उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश से मुख्यमंत्री आवास में मुलाकात की जिसके बाद कयासों का बाजार गर्म है.
विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर प्रदेश में राजनीतिक हलचल जैसा दिख रहा है. एक ओर विधान परिषद की मनोनयन कोटे की दर्जन भर सीटों को भरे जाने को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है, तो दूसरी ओर हार की समीक्षा कर रहा जदयू कुछ दिग्गज नेताओं को पार्टी में लाकर पिछड़े और मुस्लिम वोटरों के बीच पैठ जमाने की कोशिश में है.
इसी परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री से उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात को जोड़ कर देखा जा रहा है, जबकि उपेंद्र कुशवाहा फिलहाल किसी नये राजनीतिक समीकरण बनने की संभावना से इन्कार कर रहे हैं.
इसके बावजूद चुनाव के दौरान बसपा और एआइएमआइएम के साथ गठबंधन कर सुर्खियों में आये रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा एक बार फिर चर्चा में हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान उपेंद्र अपने गठबंधन में मुख्यमंत्री के चेहरा बनाये गये थे.
विधानसभा चुनाव में सीटों की संख्या में पीछे रह गये जदयू पिछड़ी जमात में अपनी राजनीतिक ताकत में इजाफा चाहता है. इधर, लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के बाद उपेंद्र कुशवाहा नयी रणनीति तैयार करने में जुटे हैं.