पिछले कुछ महिने से बाज़ार से अचानक 2000 के नोट गायब होते जा रहे हैं । हालांकि आरबीआई इस बात का खंडन करती है कि ये नोट बंद हो जाएंगे लेकिन एक आरटीआई ने आरबीआई की पोल खोल दी है ।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को RTI के जवाब में कहा गया है कि इस वित्तीय वर्ष में 2000 के एक भी नोट नहीं छापे गए हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने RTI को जवाब में कहा है कि 2000 रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी हुई है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, RBI ने RTI का जवाब देते हुए कहा कि 2016-17 वित्त वर्ष के दौरान 2,000 रुपये के 3,542।991 मिलियन नोट छापे गए थे। अगले साल यह 111।507 मिलियन नोट छापे गए। 2018-19 में और कम होकर 46।690 मिलियन नोट छापे गए।
RBI के डेटा से पता चलता है कि 2,000 रुपये नोटों के सर्कुलेशन में कमी आई है। मार्च 2018 को खत्म हुए वित्त वर्ष में 3,363 मिलियन हाई-वैल्यू नोट सर्कुलेशन में थे, जो कुल सर्कुलेशन वैल्यूम का 3।3 फीसद है और वैल्यू टर्म में यह 37।3 फीसद है। वित्त वर्ष 2019 में यह घटकर 3,291 मिलियन रह गया, जो कुल मनी सर्कुलेशन का 3 फीसद और वैल्यू टर्म में यह 31।2 फीसद है।
एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि हाई वैल्यू नोटों को हटाने से ब्लैक मनी पर कंट्रोल किया जा सकता है। हाई वैल्यू के नोटों को प्रचलन से हटने के कारण, काले धन का लेन-देन करना मुश्किल हो जाता है। अधिकारियों के मुताबिक 2000 रुपये के ज्यादा सर्कुलेशन से सरकार के लक्ष्य को नुकसान पहुंच सकता था क्योंकि तस्करी और अवैध काम में इसका इस्तेमाल करना आसान है। जनवरी 2019 में आंध्र प्रदेश-तमिलनाडु बॉर्डर से 6 करोड़ रुपये कैश जब्त की गई थी। इसमें सारे 2000 रुपये के नोट थे।
RBI की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं आया है कि 2000 का नोट बंद हो रहा है, लेकिन इस तरह की अफवाहें आती रहती हैं। RBI को एक बार तो अफवाफों का खंडन करना पड़ा था। लेकिन बाज़ार में नोटो की कमी कुछ और ही बयां कर रही है ।