दिल्ली में यमुना किनारे और सार्वजनिक जगहों पर छठ करने पर रोक लगाने के बाद अब मुंबई में भी समुद्र किनारे छठ करने पर रोक लगाया दिया गया है. इसको लेकर बीएमसी की और से कहा गया है कि समुद्र और तालाब के किनारे छठ नहीं किया जा सकता है.
बीएमसी ने कोरोना को लेकर हवाला दिया है. वह भी ऐसे वक्त में जब कल से महाछठ पर्व शुरू होने वाला है. मुंबई में लाखों लोग बिहार और यूपी के रहते हैं. कई सालों से मुंबई में ही तालाब और समुद्र के किनारे छठ करते हैं, लेकिन इस बार बीएमसी ने रोक लगा दिया है.
दिल्ली सरकार ने भी यमुना नदी के किनारे छठ पर प्रतिबंध लगा रखी है. सरकार का तर्क है कि छठ पर भीड़ की वजह से कोरोना का खतरा और बढ़ जाएगा. इसको लेकर बीजेपी केजरीवाल सरकार के खिलाफ हमला बोला है. भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन भी हुआ है.
इसी तरह से झारखंड में भी दो दिन पहले कोरोना को लेकर तालाब और डैम के किनारे छठ करने पर रोक लगा दिया गया था. इसको लेकर काफी विरोध हो रहा था. जिसके बाद तालाब के किनारे छठ करने के लिए छुट दी गई है. इसको लेकर हेमंत सोरेन ने कहा कि छठ का पर्व सामने है. मैं सभी को इसकी शुभकामनाएं देता हूं. आपदा विभाग ने जो गाइडलाइन्स जारी की हैं वो भारत सरकार के आदेश के अनुरूप हैं. मेरी पहली प्राथमिकता है राज्य की जनता की सुरक्षा और उनकी जान-माल की रक्षा.