
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Bihar State Pollution Control Board) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देश का पालन करते हुए शुक्रवार को पटना, मुजफ्फरपुर और गया (Patna, Muzaffarpur And Gaya) में पटाखों (Firecrackers) की बिक्री या इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया. एनजीटी ने उन सभी शहरों और कस्बों में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं जहां की वायु गुणवत्ता की स्थिति नवंबर में खराब से बदतर स्थिति में रही है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक बयान में कहा कि तीनों शहरों में पटाखों की बिक्री या इस्तेमाल पर प्रतिबंध (Ban) लगा दिया गया है क्योंकि उनका वायु प्रदूषण स्तर बहुत खराब पाया गया है. एनजीटी ने कहा था कि पूर्ण प्रतिबंध का निर्देश देश में उन सभी शहरों और नगरों पर लागू होगा जहां नवंबर 2019 के दौरान वायु की गुणवत्ता ‘खराब’ या इससे बदतर श्रेणी में रही थी. हालांकि, अधिकरण ने कहा कि जिन शहरों में वायु की गुणवत्ता ‘मध्यम’ या इससे कम स्तर की है वहां केवल हरित पटाखों की बिक्री हो सकेगी. एनजीटी ने कहा था कि दिवाली, छठ, नववर्ष, क्रिसमस जैसे त्योहारों के दौरान पटाखों के इस्तेमाल और इन्हें चलाने की सीमा दो घंटे तक सीमित रह सकती है.
मध्य वाय गुणवत्ता वाले शहरों और कस्बों में दिवाली और गुरुपर्व पर रात आठ से 10 बजे तक, छठ पर सुबह छह से आठ बजे तक और क्रिसमस और नववर्ष की पूर्व संध्या पर रात 11.55 बजे से 12.30 बजे तक हरित पटाखे जलाने की अनुमति दी जाएगी. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 10 नवंबर को मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर उन्हें एनजीटी के आदेश से अवगत कराया था. गृह, पर्यावरण एवं वन विभागों के प्रधान सचिवों, जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी आदेश से अवगत कराया गया. बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष ने लोगों से अपील की है कि वे इस आदेश का पालन करें और पर्यावरण की रक्षा के लिए जिम्मेदार नागरिक बनें.