17वीं विधानसभा में भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे। उपमुख्यमंत्री के लिए सुशील मोदी का ही नाम तय हुआ है। पहले की तरह विधानसभा अध्यक्ष भी जदयू से ही तय किया गया है। इस बार जदयू को भाजपा से काफी कम सीटें आई हैं। जदयू को जहां 43 सीटें मिलीं वहीं भाजपा को 74 सीटें आईं। ऐसे में पॉलिटिकल क्राइसिस को देखते हुए जदयू इस बात पर अड़ा था कि उसे विधानसभा अध्यक्ष का पद चाहिए। अब ये तय हो गया है कि सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील मोदी और विधानसभा अध्यक्ष जदयू से होंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को पूर्ण बहुमत तो मिला, लेकिन इसे प्रचंड बहुमत नहीं माना जा सकता। ऐसे में एनडीए की तरफ से नीतीश कुमार सीएम के उम्मीदवार थे लेकिन जब भाजपा को जदयू से अधिक सीटें मिलीं तो ये कयास लगाया जाने लगा कि सीएम भाजपा से होगा। लेकिन उसी रात सुशील मोदी, मंगल पांडेय और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने सीएम हाउस में जाकर नीतीश कुमार के साथ बैठक की और सभी पहलुओं पर बात साफ की। उस समय भी भाजपा के नेताओं ने नीतीश कुमार के ही सीएम रहने की बात की। फिर पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगाई, उससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट कर नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी।