बिहपुर पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। गाड़ियाें की चेकिंग के दौरान शनिवार शाम साढ़े 3 बजे एनएच-31 पर महंथ स्थान चौक के पास पुलिस से उलझे 35 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुताेष पाठक को बिहपुर थानेदार रंजीत कुमार ने पत्नी के सामने इतना पीटा कि उनकी मौत हो गई। थानेदार की बर्बरता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वह इंजीनियर को सबके सामने पीटते हुए थाने ले गए। वहां हाजत में उन्हें नंगा कर पीटा और अपने सहयोगी पुलिसवालाें से बूट से पिटवाया। इंजीनियर के शरीर के पिछले हिस्से में बने जख्म पुलिसिया जुल्म की कहानी बता रहे हैं। नवगछिया एसपी स्वप्नाजी मेश्राम ने थानेदार रंजीत कुमार को सस्पेंड कर दिया है। बिहपुर थानेदार समेत छह पुलिसकर्मी पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
गिरफ्तारी के भय से थानेदार और सभी पांच आरोपी पुलिसवाले फरार हो गए। घटना के विरोध में मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने रविवार काे एनएच-31 काे महंत स्थान चौक के पास 5 घंटे तक जाम रखा। वहां पहुंचे एसडीपीओ दिलीप कुमार और पुलिसवालों के साथ धक्का-मुक्की की। सीएम नीतीश कुमार ने डीजीपी को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी शिकायत दर्ज की है। जानकारी के अनुसार, बिहपुर के मड़वा गांव के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष पाठक दुर्गा पूजा में अपने परिवार के साथ भागलपुर से गांव आए थे। वह पत्नी व बेटी के साथ भ्रमरपुर दुर्गा मंदिर में पूजा करने के बाद बाइक से घर लौट रहे थे।
शनिवार दोपहर साढ़े तीन बजे बिहपुर थानेदार रंजीत कुमार एनएच-31 स्थित महंत चौक के पास वाहन की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान इंजीनियर आशुतोष से थानेदार की बहस हो गई। थानेदार ने आशुतोष की वहीं पिटाई शुरू कर दी। परिजनों के सामने ही उन्हें जीप पर बैठा कर थाने ले गए। वहां पहले इंजीनियर काे नंगा कर डंडे से पीटा और फिर अपने सहयोगी पुलिसवालों से बूट से उन्हें पिटवाया।