
इस बार का चुनाव कई मायनों में अलग है। मैदान में उतरे प्रत्याशी जीत के लिए अलग-अगल तरकीब निकाल जनता को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। मंगलवार को ऐसा ही मामला सामने आया, जब मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र से लोजपा के टिकट पर भाग्य आजमा रहे साकार यादव खुले नाले में उतर गए। हुआ ये कि साकार यादव अपना पर्चा दाखिल करने के बाद अपने समर्थकों के साथ पैदल आ रहे थे। कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए जा रहे नारेबाजी के बीच साकार बाजार वासियों का अभिवादन कर रहे थे। इसी क्रम में जदयू एमएलसी के घर से कुछ ही आगे सड़क पर नाला खुला हुआ था। बस फिर क्या था, सफेद कुर्ता-पायजामा पहने साकार यादव नाले उतर गए।
ये वही एमएलसी हैं जिनके यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार के दौरान अक्सर आकर ठहरते हैं। यह बताते हुए साकार यादव ने कहा कि जब मुख्यमंत्री मधेपुरा आकर बगल में ठहरते हैं, उनके चहेते प्रतिनिधि आसपास के दुकानों को बंद करवाकर पर्दे से नाले को ढंक देते हैं। लेकिन स्थिति में सुधार नहीं होता है। उन्होंने कहा कि नाला में उतरने का उनका मकसद जनता को यह बताना है कि वे किस तरह से ग्राउंड लेवल पर काम करने की इच्छा रखते हैं। मधेपुरा में दशकों से कोई विकास का काम नहीं हुआ है। उन्होंने सदर विधानसभा से लड़ रहे अन्य प्रत्याशियों को भी आड़े हाथ लिया। युवाओं से दलगत भावना से ऊपर उठकर विकास के लिए मतदान करने की अपील की। बाद में वे खुले पांव गंदे कपड़े में पैदल ही आगे बढ़ गए।
लोजपा प्रत्याशी साकार यादव पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। कुछ माह पहले तक भाजपा के आईटी सेल से जुड़े हुए थे। मधेपुरा विधानसभा से भाजपा के टिकट के दावेदारों में वे भी थे। लेकिन इस बाद एनडीए गठबंधन में यह सीट जदयू कोटे में हैं। यहां जदयू और राजद के बीच सीधा मुकाबला है। यहां से जदयू से निखिल मंडल और राजद से वर्तमान विधायक चंद्र शेखर मैदान में हैं। चंद्र शेखर ने 2015 में भाजपा के विजय कुमार को 37,642 वोटों से हराया था।