नयी दिल्ली । पूर्व क्रिकेटर और सांसद कीर्ति आजाद (Kirti Azad) को दिल्ली कांग्रेस (Delhi Congress) का नया अध्यक्ष बनाया गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कीर्ति आजाद को यह अहम जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन के बाद से यह पद खाली था। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में अरविंदर सिंह लवली, जेपी अग्रवाल, अजय माकन, देवेंद्र यादव, सुभाष चोपड़ा, राजेश लिलोठिया और संदीप दीक्षित जैसे नेताओं का नाम आ रहा था। लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इन सबकी जगह कीर्ति आजाद को दिल्ली कांग्रेस की कमान सौंपी है।
इससे पहले यह अटकलें लग रही थी कि दिल्ली कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को खत्म करने के लिए पार्टी प्रदेश के बाहर से किसी नेता को यह जिम्मेदारी सौंप सकती है। मीडिया खबरों के मुताबिक, पिछले दिनों सोनिया गांधी ने कीर्ति आजाद से फोन पर लंबी बातचीत की थी। इसके बाद से कीर्ति को दिल्ली कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कयास लगने शुरू हो गए थे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सोनिया गांधी ने करीब 50 नेताओं से चर्चा की थी।दिल्ली प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने एक नोट तैयार करके पार्टी आलाकमान की मुहर लगाने के लिए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के पास भेज दिया। बताया जा रहा है कि पीसी चाको के नोट में सिर्फ दो नाम थे। सबसे पहले कीर्ति आजाद और दूसरे नंबर पर सुभाष चोपड़ा का नाम था, लेकिन सोनिया गांधी ने कीर्ति आजाद के नाम पर मुहर लगाई। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी से चर्चा के बाद कीर्ति आजाद के नाम की घोषणा हुई है।
बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे कीर्ति आजाद ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर धनबाद से चुनाव लड़ा था। हालाँकि, वह चुनाव हार गए थे। कीर्ति आजाद बिहार के दरभंगा से तीन बार सांसद रह चुके हैं। वह दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) से भी जुड़े रहे हैं। उनकी पत्नी पूनम आज़ाद भी दिल्ली की राजनीति में सक्रिय रही हैं।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के पास भी मनोज तिवारी के तौर पर एक पूर्वांचली अध्यक्ष है, जबकि आम आदमी पार्टी के लगभग एक दर्जन विधायक पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं। इसलिए कांग्रेस ने पूर्वांचली वोटरों में पैठ बनाने के उद्देश्य से कीर्ति आजाद को लेकर बड़ा दांव खेला है।