राजद के राज्यसभा सांसद और मुख्य प्रवक्ता मनोज झा ने कहा है कि बिहार में राजद की सरकार बनी तो मुखिया और सरपंच का मानदेय बढ़ेगा। मनोज झा आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार के दौरान जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वह बिहार का संस्कार नहीं है। राजधानी पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि राजद की सरकार बनने के बाद एस्टीमेट घोटाले की जांच कराई जाएगी।
वहीं दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नक्सलवाद को लेकर राजद को घेरा। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी राज में जो वामपंथी किसानों की जमीन कब्जा करते थे। उनकी फसलें जबरन काट ले जाते थे और वर्ग संघर्ष के नाम पर हत्याएं करते थे, उन पर एनडीए शासन ने सख्ती से लगाम लगायी थी। कहा कि अब राजद ने वामपंथी दलों को 28 सीटें देकर साफ कर दिया है कि महागठबंधन किनकी बंदूकों को अपना कंधा इस्तेमाल करने देना चाहता है।
मोदी ने कहा कि राजद शासन में बिहार के 38 में से 32 जिले नक्सली उग्रवाद से त्रस्त थे। एनडीए सरकार ने एक तरफ आपरेशन ग्रीन हंट जैसे अभियान चलाकर नक्सली हिंसा के फन कुचले तो दूसरी तरफ विकास की रफ्तार तेज कर लोगों को भय, भूख, बेरोजगारी से बचाने की कोशिश की। कहा कि राजद फिर से उनका लाल आतंक लौटाना चाहता है।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव ने विपक्ष के नेता जैसे संवैधानिक पद की मर्यादा का कभी ध्यान नहीं रखा। कहा कि वे सदन से 33 दिनों तक स्पीकर को सूचित किये बिना गैरहाजिर रहे। आज जब वे लगातार सक्रिय मुख्यमंत्री के जीवित रहने की सार्थकता पर सवाल उठा रहे हैं तो क्या यही सवाल वे अपने सजायाफ्ता पिता लालू प्रसाद के बारे में भी उठायेंगे?