बिहार विधान सभा चुनाव में अबतक एनडीए को कड़ी टक्कर देने और नीतीश सरकार को उखाड़ फेंकने का दावा करने वाला महागठबंधन पूरी तरह से बिखरता नजर आ रहा है। सीटों को लेकर जहां पहले ही महागठबंधन से कई दल किनारा कर चुके है। वहीं अब एक बड़ी खबर सामने यह आ रही है कि कांग्रेस भी अकेले दम पर चुनाव मैदान में जा सकती है। या फिर कोई अन्य मोर्चा बना सकती है।
दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक हुई। इस बैठक में कमिटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे, बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, बिहार अध्यक्ष मदन मोहन झा, विधायक दल के नेता सदानंद सिंह भी शामिल थे। अंदरखाने से जो खबर आ रही है वो ये है कि कांग्रेस ने बिहार में अपनी सिटिंग सीटों पर उर उम्मीदवारों को सिंबल देने का फैसला कर लिया है। 2015 के चुनाव में कांग्रेस 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 27 उम्मीदवार विजयी रहे थे।
बता दें राजद ने कांग्रेस को विधानसभा की 58 सीट और एक लोकसभा सीट वाल्मीकिनगर का ऑफर दिया है। लेकिन मिल रही जानकारी के अनुसार कांग्रेस को 70 सीट से कम स्वीकार नहीं है। स्क्रीनिंग कमिटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे साफ कर चुके हैं कि अगर गठबंधन में सम्मानजनक सीटों पर समझौता नहीं हुआ तो कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी करेगी।