महागठबंधन के घटक दलों में सीट को लेकर असंतोष बढ़ने लगा है। रालोसपा ने बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। कांग्रेस के साथ भी सीट की संख्या पर प्रेशर पॉलिटिक्स जारी है। वीआईपी को लेकर भी कई बातें हवा में हैं। खबर है कि वीआईपी के उम्मीदवार पार्टी के चुनाव चिह्न नाव नहीं लालटेन के साथ मैदान में उतरेंगे। लेकिन इसे खारिज करते हुए वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने कहा कि पार्टी के उम्मीदवार अपने नाव सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। अलबत्ता, राजद के कुछ उम्मीदवार नाव की सवारी जरूर करेंगे। पार्टी 25 सीटें मांग रही है जिसमें करीब 8 सीटों पर वीआईपी सिंबल पर राजद प्रत्याशियों चुनाव लड़ने की संभावना है।
वीआईपी दो दर्जन से अधिक सीटों पर दावा कर रही है। सहनी कहते हैं कि कयासों पर जाने की जरूरत नहीं। वीआईपी दो दर्जन से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीत कर भी दिखाएगी। 2019 के लोस चुनाव में सहनी की पार्टी को तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिला था। मधुबनी, खगड़िया और मुजफ्फरपुर में वीआईपी के उम्मीदवार चुनाव लड़े थे। मधुबनी की सीट पर राजद के उम्मीदवार वीआईपी के सिंबल पर चुनाव लड़े थे। हालांकि पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी।