बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव की तारीखों के एलान होने के बाद अब सियासी दल इस बार उसी कैंडिडेट को मैदान में उतारना चाहते हैं जो कि जिताऊ हो. इस बात के बाद अब यह तय ह गया है कि बीजेपी इस बार लगभग एक दर्जन सीटिंग एमएलए का टिकट काट सकती है.
बीजेपी इस बार किसी भी तरह का रिस्क लेने को तैयार नहीं है. बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने में भाजपा एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर पर भी पूरी नजर रखे है. वह ऐसे विधायकों के टिकट काट सकती है, जिनसे जनता नाराज है. बीजेपी ने ऐसे लगभग एक दर्जन विधायकों की सूची तैयार की है. खबर के मुताबिक भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची अक्तूबर के पहले हफ्ते में जारी कर दी जाएगी.
विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के साथ ही उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. राजग के भीतर अभी औपचारिक रूप से भाजपा, जदयू और लोजपा के बीच सीटों का बंटवारा होना बाकी है. हालांकि, हर पार्टी ने अपने-अपने उम्मीदवारों और सीटों की तैयारी शुरू कर दी है. अगले सप्ताह राजग के बड़े नेता सीटों के तालमेल को अंतिम रूप दे सकते हैं. बीजेपी ने राज्य में मौजूदा विधायकों को लेकर कराए अन्दरूनी सर्वे में लगभग एक दर्जन विधायकों के खिलाफ माहौल का असर सामने आया है.
सर्वे में जिन विधायकों को लेकर विरोध की बात आई है बताया जा रहा है कि ऐसे विधायकों की दावेदारी को खत्म किया जा सकता है. पार्टी की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा में ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनके खिलाफ जनता में किसी तरह की नाराजगी न और वो जीत कर आए.