
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता जसवंत का सिंह का नि/धन हो गया है. उनके नि/धन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुख वक्त किया है. पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि जसवंत सिंह जी ने पूरी लगन के साथ हमारे देश की सेवा की.पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान. पीएम ने कहा कि अटल जी की सरकार के दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और वित्त, रक्षा और विदेश मामलों की दुनिया में एक मजबूत छाप छोड़ी. उनके नि/धन से दुखी हूं.
पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि जसवंत सिंह को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने राजस्थान में बीजेपी को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना।

प्लेन हा/ईजैक होने के बाद आतंकियों को लेकर कंधार गए थे
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में जसवंत ने विदेश, रक्षा और वित्त जैसे तीनों अहम विभाग संभाले। 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट नंबर IC-814 को हा/ईजैक करके अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था। यात्रियों को बचाने के लिए भारत सरकार को तीन आ/तंकी छोड़ने पड़े थे। जिन आ/तंकियों को छोड़ा गया था, उनमें मुश्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद शेख और मौलाना मसूद अजहर शामिल थे। इन आ/तंकियों को लेकर जसवंत ही कंधार गए थे। 1998 में प/रमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका ने भारत पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे। तब जसवंत ने ही अमेरिका से बातचीत की थी। 1999 में करगिल यु/द्ध के दौरान भी उनकी भूमिका अहम रही।
एक बार पार्टी ने निकाला, एक बार खुद पार्टी छोड़ी
2012 में भाजपा ने उन्हें उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया, लेकिन, यूपीए के हामिद अंसारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। अपनी किताब में जसवंत ने मुहम्मद अली जिन्ना की तारीफ की। भाजपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। 2010 में उनकी वापसी हुई। 2014 में उन्हें भाजपा ने लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया। उनकी बाड़मेर सीट से भाजपा ने कर्नल सोनाराम चौधरी को उतारा। इसके बाद जसवंत ने फिर भाजपा छोड़ दी। निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। इसी साल उन्हें सिर में चोट लगी। इसके बाद से जसवंत कोमा में ही थे।