कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच पटना नगर निगम के कर्मचारियों की हड़ताल गुरुवार से शुरू हो गई। हड़ताल के पहले शहर में सफाई से लेकर सेनिटेशन तक का कार्य ठप रहा। कूड़ा उठाव गाड़ियां निकल ही नहीं पाईं। इसके कारण माेहल्ले ही नहीं, शहर की मुख्य सड़काें पर भी कूड़ा-कचरा पसरने लगा है। हड़ताली कर्मचारियों ने किसी भी कचरा गाड़ी के निकलने पर रोक की जो रणनीति बनाई, वह सटीक रही। नूतन राजधानी अंचल में तो कर्मचारियों ने गेट ही बंद कर दिया। इससे कुछ निजी कर्मचारियों के सहारे वीआईपी इलाकों में सफाई व्यवस्था को चालू कराने की तैयारी कर रहे निगम पदाधिकारियों को झटका लगा। हड़ताल को टालने की सभी कोशिश विफल रही। मेयर सीता साहू व नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कर्मचारी नेताओं को मनाने का प्रयास किया। लेकिन, वे उन्हें मना नहीं सके। कर्मचारी नेताओं ने साफ कहा है कि सरकार दैनिक मजदूरों के प्रति भेदभाव का रवैया अपना रही है।
हड़ताली कर्मचारियों ने 4300 दैनिक कर्मचारियों का मामला उठाया। उनका कहना है कि 28 जनवरी को लोकायुक्त के जिस पत्र का हवाला देकर नगर विकास विभाग ने दैनिक कर्मचारियों की सेवा को एजेंसी के माध्यम से लेने का आदेश जारी किया, उसे निरस्त करना ही होगा। नगर निगम के कर्मचारियों की हड़ताल का असर दिखने लगा है। कूड़ा उठाव नहीं होने का असर पहले ही दिन दिखा। अधिकतर माेहल्लों में अस्थायी कूड़ा प्वाइंट बनाया गया है। यहां भीतरी इलाकों से कूड़ा लाकर जमा किया जाता है। फिर वहां से उठा कर मुख्य कूड़ा प्वाइंट तक पहुंचाया जाता है। गुरुवार को एक भी इलाके से कूड़े का उठाव नहीं किया गया। राजधानी से राेजाना करीब 850 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। इसके उठाव के लिए 375 टीपर की व्यवस्था की गई है। हर वार्ड में पांच-पांच गाड़ियों से कूड़े का उठाव किया जाता है। गुरुवार को एक भी गाड़ी नहीं निकल पाई। इससे राजधानी की सड़कों पर जगह-जगह कूड़े के ढेर दिखने लगे हैं। बोरिंग कैनाल रोड में कूड़े का उठाव न होने के बाद स्थिति खराब होने लगी है। वहीं, चितकोहरा पुल से अनीसाबाद गोलंबर के बीच करीब आधा दर्जन स्थानों पर छोटे-बड़े कूड़े के ढेर दिखने लगे हैं। मीठापुर, कंकड़बाग टेंपो स्टैंड, राजेंद्रनगर सब्जी मंडी के आसपास भी कूड़े के ढेर दिखने लगे हैं। संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह, संयोजक रामयतन प्रसाद, सह संयोजक मंगल पासवान ने कहा कि मांगों के पूरा होने तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी। यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह राजधानी के लोगों और निगम कर्मचारियों को कितने दिनों तक इस प्रकार की परिस्थिति में रखना चाहती है। हड़ताल का नेतृत्व पटना सिटी और अजिमाबाद अंचल में धर्मवीर, नीरज वर्मा, अरविंद सिंह, कंकड़बाग व बांकीपुर अंचल में जितेंद्र कुमार, मंगल पासवान, सुरेंद्र कुमार, शीतराम, नूतन राजधनी अंचल में रामजतन प्रसाद, प्रकाश कुमार और पाटलिपुत्र अंचल में चन्द्रप्रकाश सिंह व शंभू पासवान ने किया।
पटना नगर निगम संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर हम अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखेंगे। हाइकोर्ट के सामने कूड़ा फेंकने की अफवाह सामने आने के बाद समन्वय समिति के बड़े नेताओं को इसकी जानकारी लेने के लिए भेजा गया। समन्वय समिति के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह व प्रवक्ता जितेंद्र कुमार ने कहा कि किसी प्रकार के उत्पात से कर्मचारियों को बचने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि बिना किसी हंगामा के गुरुवार को आठ हजार निगम कर्मी हड़ताल पर रहे। कोई भी कर्मी उत्पात करता है तो इससे आंदोलन प्रभावित होगा। मेयर सीता साहू ने राज्य सरकार से कर्मचारियों से वार्ता कर हड़ताल समाप्त कराने का आग्रह किया है। सरकार के स्तर पर जारी आदेश के खिलाफ कर्मचारी हड़ताल पर हैं, इसलिए मेयर उनके पक्ष में खड़ी दिख रही हैं। मेयर ने इसी साल फरवरी में हुई हड़ताल को समाप्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस समय दैनिक कर्मचारियों को भरोसा दिलाया गया था कि उन्हें नहीं हटाया जाएगा। लेकिन, हाइकोर्ट के निर्णय के बाद भी सरकार की ओर से 28 जनवरी को जारी दैनिक कर्मचारियों की सेवा निजी एजेंसी से लेने संबंधी आदेश को वापस नहीं लिया गया। मेयर ने कहा कि अभी हम सब कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं। इस स्थिति में निगम कर्मचारियों का हड़ताल पर जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मेयर ने कहा कि अपने स्तर पर हमने हड़ताल टालने की कोशिश की। बुधवार को सशक्त स्थायी समिति सदस्यों व नगर आयुक्त की उपस्थिति में कर्मचारी नेताओं के साथ वार्ता कर उन्हें हड़ताल पर न जाने का अनुरोध किया गया। वार्ता बेनतीजा रही। एक बार फिर मेयर ने कर्मचारी नेताओं से अपील की है कि वे अपने हड़ताल पर जाने के फैसले पर पुनर्विचार करें। लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अपने निर्णय को वापस लें।
हड़ताल के समर्थन में आए पटना नगर निगम चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ ने कंकड़बाग अंचल पर जोरदार प्रदर्शन किया। संघ के महासचिव नंदकिशोर दास, संयुक्त सचिव राजेश पासवान, सचिव कालेश्वर पासवान, कोषाध्यक्ष देवराज कुमार, सहायक सचिव प्रदीप कुमार, अवनीश कुमार, जितेंद्र कुमार, एतवारी देवी आदि ने कहा कि आउटसोर्सिंग कर निगम कर्मचारियों को गुलामी के मार्ग पर धकेलने की कोशिश की जा रही है। 4300 दैनिक सफाई कर्मचारियों सेवा स्थायी करने की मांग की जा रही है।