कोरोना काल में बिहार विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. बीजेपी ने एक बार नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है लेकिन इन सब के बीच लोजपा चीफ चिराग पासवान ने नीतीश की अगुवाई को ठुकरा दिया है. काफी वक्त से जदयू से खफा चल रहे चिराग पासवान ने सीधे तौर पर नीतीश को एनडीए का मुखिया मानने से इंकार कर दिया है और यह ऐलान कर दिया है कि चलो चलें युवा बिहारी के साथ…काफी दिनों से लोजपा चीफ और सीएम नीतीश के बीच अनबन की खबरें आ रही थी. चिराग पासवान ने खुले मंच से भी इस बात को कई बार कह चुके हैं कि सीएम नीतीश कुमार उनसे बात तक नहीं करते. उसके बाद सीएम नीतीश कुमार मांझी की एंट्री जदयू में करवाते हैं जिसके बाद से मामला और बदल जाता है.अंदरखाने से जो खबर है उसके मुताबिक मांझी की एंट्री से लोजपा काफी बेचैन है. लोजपा सूत्रों की माने तो मांझी की एंट्री को लेकर कोई बातचीत नहीं की गई.
जिसके बाद चिराग पासवान की लोजपा पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए संकल्प लॉन्च कर दिया है. पार्टी ने बिहार, दिल्ली और मुंबई के महत्वपूर्ण अख़बारों में विज्ञापन प्रकाशित करवाते हुए यह आह्वान किया है कि नया बिहार और युवा बिहार बनाने के लिए सभी बिहारी भाइयों-बहनों को युवा बिहारी चिराग पासवान के साथ चलना होगा.इस विज्ञापन में यह भी कहा गया है कि यही समय है जब बिहार के अस्मिता की लड़ाई सभी बिहारी को लड़नी होगी, ताकि हम सब बिहार पर नाज कर सकें. लोक जनशक्ति पार्टी सभी जाति धर्म में आस्था रखती है और सभी को हमेशा से साथ लेकर चली है. विज्ञापन में ‘धर्म न जात, करें सबकी बात’ पार्टी के पुराने टैग लाइन को दोहराया गया है.
राजनीतिक जानकारों की माने तो लोजपा के इस विज्ञापन से क्लीयर है कि वो अब प्रेशर पॉलिटिक्स के मूड में है. लोजपा ने विज्ञापन देकर अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया है. यही नहीं इससे पहले भी चिराग पासवान कई बार कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच यह बात दोहरा चुके हैं कि पार्टी को किसी भी हालत के लिए तैयार रहना चाहिए. 7 सितंबर को लोजपा ने दिल्ली में संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है. ऐसी खबर है कि इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं.