Anant Chaturdashi 2020 Puja Vidhi: अनंत चतुर्दशी का व्रत 01 सितंबर दिन मंगलवार को है। यह व्रत हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होता है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा होती है और अनंत चौदस की कथा सुनी जाती है। आज के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और कहा जाता है कि लगातार 14 वर्षों तक यह व्रत करने से व्यक्ति को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।
अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 31 अगस्त दिन सोमवार को सुबह 08 बजकर 49 मिनट से हो रहा है, जो 01 सितंबर को सुबह 09 बजकर 39 मिनट तक है। व्रत करने वाले व्यक्ति को सुबह में स्नान आदि से निवृत होकर पूजा कर लेनी चाहिए।
अनंत चतुर्दशी पूजा विधि
चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करें और हाथ में जल लेकर अनंत चतुर्दशी व्रत एवं पूजा का संकल्प करें। व्रत का संकल्प लेने के लिए इस मंत्र ‘ममाखिलपापक्षयपूर्वकशुभफलवृद्धये श्रीमदनन्तप्रीतिकामनया अनन्तव्रतमहं करिष्ये’ का उच्चारण करें। इसके पश्चात पूजा स्थान को साफ कर लें।
अब एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या कुश से बनी सात फणों वाली शेष स्वरुप भगवान अनन्त की मूर्ति स्थापित करें। अब मूर्ति के समक्ष अनंत सूत्र, जिसमें 14 गांठें लगी हों, उसे रखें। कच्चे सूत को हल्दी लगाकर अनंत सूत्र तैयार किया जाता है। अब आप आम पत्र, नैवेद्य, गंध, पुष्प, धूप, दीप आदि भगवान अनंत की पूजा करें। भगवान विष्णु को पंचामृत, पंजीरी, केला और मोदक प्रसाद में चढ़ाएं। पूजा के समय इस मंत्र को पढ़ें।
नमस्ते देव देवेश नमस्ते धरणीधर। नमस्ते सर्वनागेन्द्र नमस्ते पुरुषोत्तम।। इसके बाद अनंत चतुर्दशी की कथा सुनें। फिर कपूर या घी के दीपक से भगवान विष्णु की आरती करें।
व्रत करने वाले व्यक्ति को बिना नमक वाले भोज्य पादार्थों का ही सेवन करना होता है।