नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पीसी कर बिहार के मुखिया पर खूब बयान दिया लेकिन अपने कुनबे में लगी आग पर खामोशी के साथ चुप्पी साधे बैठे रहे. तेजस्वी यादव से आज उम्मीद थी रामा- रघुवंश प्रकरण पर दो टूक अपनी राय रखेंगे लेकिन तेजस्वी ने चतुराई दिखाते हुए नीतीश सरकार पर खूब बोला लेकिन अपने कुनबे की कहानी को बिना कहे चल दिए. आपको बता दें कि राजद में रामा सिंह के एंट्री होने की बात चलने भर से रघुवंश बाबू काफी नाराज चल रहे हैं. तय तो यह था कि इसी महीने रामा सिंह राजद में आ जाएंगे लेकिन रघुवंश सिंह की नाराजगी के चलते ऐसा अभी तक नहीं हो सका है. हालांकि कुछ दिन पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि सभी लोगों का अधिकार है, वे अपनी दावेदारी पार्टी के सामने रखें. जो सही निर्णय होगा, पार्टी लेगी. जो भी मजबूत उम्मीदवार होगा, उसे टिकट मिलेगा. राजद ए-टू-जेड की पार्टी है.
गौरतलब है कि रामा सिंह ने आरजेडी में शामिल होने की तैयारी तो दो महीने पहले ही कर ली थी. उनके आरजेडी की सदस्यता लेने की 29 जून की तारीख भी तय हो गई थी, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और साथ ही ये भी अटकलें हैं कि वो आरजेडी से अलग भी हो सकते हैं. ऐसे में तेजस्वी की चुप्पी के अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं.