कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को बदलकर रख दिया है. कब दुनिया पहले जैसी होगी? कब हम पहले जैसी ज़िंदगी जी पाएंगे? कोरोना कब खत्म होगा? ये ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब हर कोई जानना चाहता है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी कि WHO ने अपने अनुमान के आधार पर इसका जवाब देने की कोशिश की है. उम्मीद जताई है कि ये महामारी उतनी भी लंबी नहीं चलेगी, जितनी कि कभी स्पेनिश फ्लू चली थी. स्पेनिश फ्लू 1918 में दुनियाभर में फैली महामारी थी. करीब 3 साल तक दुनिया इससे परेशान रही थी. लेकिन WHO को उम्मीद है कि कोरोना वायरस का खात्मा दो साल के अंदर हो सकता है. WHO ने कहा है कि-
सीज़नल बनकर रह जाएगा कोरोना?
WHO के इमरजेंसी चीफ माइकल रेयान कहते हैं –
“कोरोना और एच1एन1 के पैटर्न एक जैसे नहीं दिख रहे हैं. स्पेनिश फ्लू तीन वेव में आया था. उसकी दूसरी वेव सबसे ज्यादा खतरनाक थी. ऐसा ही अमूमन बाकी वायरस के साथ भी देखा जाता है. कुछ खतरनाक वेव्स के बाद महामारी के वायरस भी सीजनल वायरस बनकर रह जाते हैं और अलग-अलग समय पर कुछ वक्त के लिए उभरते हैं. लेकिन उम्मीद है कि कोरोना की इतनी वेव नहीं रहेंगी.”
क्या था स्पेनिश फ्लू?
स्पेनिश फ्लू हाल के इतिहास में फैली सबसे खतरनाक महामारी थी. 1918 में स्पेनिश फ्लू एच1एन1 वायरस के कारण फैला था. सिर्फ़ अमेरिका में इस बीमारी से करीब छह लाख 75 हजार लोगों की मौत हुई थी. भारत में माना जाता है कि प्रथम विश्व युद्ध से लौटे सैनिकों के साथ ये वायरस आया था. समझा जाता है कि पूरी दुनिया में इस बीमारी से जितने लोगों की मौत हुई थी, उसके पांचवें हिस्सा के बराबर भारत में मौत हुई थी.