बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू लगातार राजद के सीटिंग विधायकों को तोड़कर अपनी पार्टी में मिला रही है. जेडीयू की नजर सहयोगी बीजेपी की उन पुरानी सीटों पर है जो पहले बीजेपी के कोटे में रही है.जेडीयू -बीजेपी गठबंधन में भी पालीगंज सीट बीजेपी के पास ही रही । 2015 के विस चुनाव में राजद के हाथों बीजेपी उम्मीदवार की हार हो गई और वहां से जयवर्धन यादव चुनाव जीत गए।लेकिन 2020 आते-आते उन्होंने पाला बदलने का निर्णय ले लिया है।इस निर्णय से बीजेपी की पैतृक सीट के छीनने की पूरी गुंजाईश बन गई है।
बीजेपी की सीट पर हमारे ही उम्मीदवार होंगे-जायसवाल
जेडीयू की तरफ से बीजेपी की परंपरागत सीट पर नजर टिकाने पर बीजेपी नेतृत्व की सकते में है।पार्टी नेतृत्व के अंदर भी जेडीयू के इस निर्णय से हलचल शुरू हो गई है।पार्टी के कई नेता परंपरागत सीट पर जेडीयू की तरफ से राजद विधायक को तोड़कर अपनी मिलाने से चिंतित दिख रहे हैं.न्यूज4नेशन ने जब बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल से पूछा कि आपकी परंपरागत सीट पालीगंज पर सहयोगी जेडीयू की नजर है और वहां से राजद विधायक को अपनी पार्टी में मिलाकर उम्मीदवारी की तैयारी है।
इस पर बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि समय आने पर सबकुछ क्लियर हो जायेगा।लेकिन उन्होंने यह साफ-साफ मैसेज दे दिया कि गठबंधन में बीजेपी की जो सीट है उस पर हमारे ही उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।हालांकि प्रदेश इससे आगे कुछ नहीं कहा और उठकर चले गए।लेकिन नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया कि पालीगंज में जिस तरह जेडीयू ने राजद विधायक को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है उससे नेतृत्व चिंतित है।
लोजपा के सुर पहले से ही बगावत के हैं । अब बीजेपी के साथ ये नूरा-कुस्ती क्या रंग लाएगी ये तो चुनाव के समय ही पता चलेगा । फिर बिहार चुनाव का शंखनाद जेपी नड्डा और फड़नवीस के चुनावी सभा से शुरू होने वाला है ।