नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि देश में पटना को गंदगी में नंबर-1 स्थान मिलने पर 15 वर्षों के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को कोटि-कोटि बधाई। चलिए 15 वर्षों में कहीं तो नंबर-1 स्थान प्राप्त किया।
स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के नतीजे गुरुवार को घोषित हो गए। बिहार के सभी शहरी निकाय एक बार फिर फिसड्डी साबित हुए। राजधानी पटना सहित कोई भी निकाय वरीयता सूची में अपनी जगह नहीं बना सका। दस लाख से अधिक आबादी वाले देश के 47 निकायों की रैंकिंग में पटना अंतिम पायदान पर रहा। इसी तरह देश के 62 छावनी क्षेत्रों में दानापुर छावनी को भी स्वच्छता के मामले में अंतिम स्थान मिला है।
6000 में सिर्फ 1552.11 अंक मिले पटना को
राज्य में सबसे ज्यादा फोकस राजधानी पर रहता है। करोड़ों खर्च करके भी पटना की रैंकिंग सुधर नहीं पा रही। 10 लाख से अधिक आबादी वाले देश में 47 निकाय हैं। इनकी र्रैंंकग में पटना सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। पटना को 6000 में से सिर्फ 1552.11 अंक मिले हैं। यानी पटना का अपनी कैटेगरी वाले निकायों में देश में सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। दानापुर छावनी भी अपनी कैटेगरी में अंतिम स्थान पर रही है।
स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के नतीजे गुरुवार को घोषित हो गए। बिहार के सभी शहरी निकाय एक बार फिर फिसड्डी साबित हुए। राजधानी पटना सहित कोई भी निकाय वरीयता सूची में अपनी जगह नहीं बना सका। दस लाख से अधिक आबादी वाले देश के 47 निकायों की रैंकिंग में पटना अंतिम पायदान पर रहा। इसी तरह देश के 62 छावनी क्षेत्रों में दानापुर छावनी को भी स्वच्छता के मामले में अंतिम स्थान मिला है।
6000 में सिर्फ 1552.11 अंक मिले पटना को
राज्य में सबसे ज्यादा फोकस राजधानी पर रहता है। करोड़ों खर्च करके भी पटना की रैंकिंग सुधर नहीं पा रही। 10 लाख से अधिक आबादी वाले देश में 47 निकाय हैं। इनकी र्रैंंकग में पटना सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। पटना को 6000 में से सिर्फ 1552.11 अंक मिले हैं। यानी पटना का अपनी कैटेगरी वाले निकायों में देश में सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। दानापुर छावनी भी अपनी कैटेगरी में अंतिम स्थान पर रही है।