बागमती में आई बाढ़ में पूरा गांव घिर गया। नाव नहीं मिलने के चलते लोग फंसे हुए हैं। ऐसे में पीडि़तों की मदद के लिए कल्याणपुर प्रखंड के पूसा सैदपुर निवासी अमन पांडे ने जुगाड़ से मोटरबोट बना डाली। पुरानी मोटरसाइकिल सहित अन्य सामग्री का इस्तेमाल कर बनी इस नाव पर एक साथ चार लोग सवार हो सकते हैं। जहां जरूरत होती, इसे भेजते हैं। जयपुर के निम्स से दो साल पहले बीटेक किए अमन पूसा में खेती संबंधी यंत्र बनाने का कारखाना चलाते हैं। इस कारण तकनीकी रूप से दक्ष हैं।
इन चीजों का इस्तेमाल कर बनाया मोटेरबोट
गांव में आई बाढ़ में नाव की किल्लत देख उन्होंने एक सप्ताह पहले अपने कारखाने में मोटरबोट बनाने का निर्णय लिया। काफी सोच-विचार के बाद घर में पड़ी पुरानी मोटरसाइकिल, ड्रेनेज पाइप, प्लास्टिक के दो ड्रम, टरबाइन के लिए पंखे का इस्तेमाल किया। महज तीन दिन में ही उन्होंने इसका निर्माण कर डाला। इस पर कुल 20 हजार रुपये खर्च हुए। निर्माण के बाद इसका कई चरणों में परीक्षण किया। इस दौरान सुरक्षा को लेकर उसपर ट्यूब भी रखा, ताकि जरूरत पडऩे पर इसका इस्तेमाल किया जा सके। सभी मानकों पर जब उनकी बोट खरी उतरी तो इससे बाढ़ पीडि़तों को बिना शुल्क निकालने का काम शुरू किया। अब तक तकरीबन 150 लोगों को निकाल सुरक्षित स्थान पर पहुंचा चुके हैं।
कम से कम तीन फीट गहराई तक चाहिए पानी
यह मोटरबोट एक लीटर में 20 मिनट या एक किलोमीटर तक चलती है। बोट को चलने के लिए कम से कम तीन फीट की गहराई तक पानी चाहिए। पूसा प्रखंड प्रमुख रविता तिवारी, माले नेता अमित कुमार सहित अन्य का कहना है कि अमन का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है। इससे बाढ़ पीडि़तों को काफी मदद मिल रही। उन्हें आसानी से निकालने के साथ इससे जरूरी सामान भी पहुंचाया जा रहा है। लोग इसका फायदा उठा रहे हैं।
गौतम बुद्धा आइटीआइ दलसिंहसराय के निदेशक इं. अमित अभिषेक का कहना है कि अमन की बनाई मोटरबोट बाढ़ पीडि़तों के लिए काफी मददगार है। इसमें सुरक्षा के हर पहलू को ध्यान में रखा गया है। पीवीसी पाइप के साथ ड्रम का इस्तेमाल तो लोग बाढ़ में नाव की तरह पहले से करते हैं। लेकिन, उन्होंने बाइक का इस्तेमाल कर इसे चलाने में आसान कर दिया है।
इनपुट – दैनिक जागरण