कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, अधवारा, बागमती, महानंदा और घाघरा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. साथ ही गंगा नदी में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया. जल संसाधन विभाग ने बताया कि सभी सभी तटबंध सुरक्षित हैं.
गंडक नदी के पानी का दबाव तटबंधों पर है. इधर केवटी प्रखंड की करजापट्टी पंचायत के बिरने गांव में शनिवार को दोबारा बागमती नदी का पूर्वी तटबंध टूट गया. बाढ़ से संबंधित खबरों के लिए बने रहे हमारे साथ. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार को कोसी नदी का जल स्तर खगड़िया जिले के बलतारा व और कुरसेला में खतरे के निशान से थी.
गंडक नदी का जल स्तर रेवा घाट में और गोपालगंज के डुमरिया घाट पर खतरे के निशान से ऊपर थी. बागमती, कमला बलान व अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. गंगा नदी के जल स्तर में मामूली उतार-चढ़ाव जारी रहा. पटना के दीघा घाट पर जल स्तर 48.43 मीटर था यह 15 सेंमी बढ़कर 48.58 मीटर हो गया. पटना के गांधी घाट पर 47.52 मीटर था इसमें 10 सेंमी की बढ़ोतरी हुई यह 47.62 मीटर हो गया.
दरभंगा के केवटी प्रखंड में बागमती नदी का पूर्वी तटबंध का पानी गांव में फैलने लगा है. तटबंध टूटने की सूचना पर दर्जनों लोग इसके बचाव में लग गये़ ग्रामीणों ने बताया कि नदी से पानी निकलना बंद नहीं हुआ, तो बिरने गांव पानी में डूब जायेगा.
साथ ही यह पानी हरपुर, शीशो पूर्वी, करकौली होते हुए बाजार समिति शिवधारा तक फैल जायेगा. हालांकि, देर शाम इस तटबंध की मरम्मत करने में ग्रामीण सफल हो गये. बांस-बल्ला के साथ मिट्टी भरी बोरी डाल गांव में फैलते पानी को रोक दिया, लेकिन जिन गांवों में पानी पसर गया है़