राजस्थान में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अबतक अपने पास बहुमत होने के दावे करते रहे हैं, वो फ्लोर टेस्ट के भी तैयार रहने की बात भी करते रहे हैं. लेकिन शुक्रवार को जब गहलोत खेमे के सभी विधायकों को जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट किया जाने लगा तो सच्चाई सामने आ गई.इस दौरान जितने विधयक दिखे वो उनकी सरकार बचाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.उनके नंबर गेम के दावों की हवा निकालता नजर आ रहा है.
दरअसल राज्यपाल कलराज मिश्र ने सीएम गहलोत को सत्र बुलाने की इजाजत दे दी है. जिसके बाद गहलोत खेमे के विधायकों को आज जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट किया गया. शिफ्टिंग के दौरान विधायकों की जो संख्या सामने आई है, उसने गहलोत गुट के अब तक के दावों की पोल खोल दी है. कभी 109, कभी 104 तो कभी 101 से ज्यादा विधायकों की बाड़ाबंदी के दावों के उलट शुक्रवार को जैसलमेर शिफ्टिंग के दौरान महज 97 विधायक ही नजर .आये.
जयपुर से जैसलमेर के सफर में पहले हवाई जहाज में 54 विधायक चढ़े. दूसरे चार्टर प्लेन में मात्र 6 विधायक तो तीसरे प्लेन में 37 विधायक रवाना हुए. इस तरह से देखा जाए तो अबतक कुल 97 विधायकों का जुगाड़ ही गहलोत कर पाए हैं. गहलोत खेमे के विधायकों की शिफ्टिंग सीएम के उस बयान के बाद हुई है जिसमें उन्होंने कहा था-“प्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त के रेट बढ़ गए हैं..जब से राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र को हरी झंडी दी है, तब से हॉर्स टेड्रिंग में विधायकों के भाव बढ़ गए हैं.
गहलोत गुट के कांग्रेस विधायक जयपुर के होटल से निकल कर अब जैसलमेर के सूर्यागढ़ पहुंच गए हैं. इससे पहले जयपुर के फेयरमोंट होटल से बस के जरिए सभी विधायकों को एयरपोर्ट लाया गया, जहां से अब वो जैसलमेर पहुंचे हैं.अब सवाल ये उठता है कि गहलोत इतने विधयाकों की बदौलत कैसे सरकार बचा पायेगें.