बिहार में बाढ़ की चपेट में अब दो नए जिले सिवान और मधुबनी भी आ गए हैं. सीवान के दो प्रखंडों में और मधुबनी के चार प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुस गया. इस तरह अब राज्य के 14 जिलों के 108 प्रखंडों की 972 पंचायतें बाढ़ की चपेट में आ चुकी है. इससे 40 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गई है.
पांच लाख 80 हजार लोगों को प्रतिदिन भोजन
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्रडु ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे हैं राज्य में 19 राहत शिविर लगाए गए हैं जिनमें 25 हजार लोग रह रहे हैं. वही 1001 सामुदायिक किचेन के माध्यम से पांच लाख 80 हजार लोगों को प्रतिदिन भोजन कराया जा रहा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती की गई है.
बिहार में बाढ़ से 4.87 लाख हेक्टेयर में फसल प्रभावित
कृषि सचिव डा. एन सरवण कुमार ने कहा कि बाढ़ की स्थिति वाले जिलों में प्रारम्भिक सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 4.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बाढ़ से फसल को नुकसान हुआ है. लेकिन पानी के निकल जाने के बाद वास्तविक नुकसान का आकलन होगा उसके बाद इसकी भरपाई आपदा प्रबंधन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार किया जाएगा. वह गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रेस को सम्बोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि खरीफ में सामान्य से 46 प्रतिशत ज्यादा वर्षा होने और नदियों में जल स्तर बढ़ने के कारण विभिन्न जिलों में फसल विशेषकर धान को नुकसान हुआ है. रोपनी का लक्ष्य 33 लाख हेक्टेयर का है. अब तक 29.22 लाख हेक्टेयर यानी 90 प्रतिशत क्षेत्र में धान की रोपनी हो चुकी है. कहा कि हर खेत को पानी के सर्वेक्षण वैसे सभी जिले में शुरू हो गया जो बाढ़ से प्रभावित नहीं हैं.