कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए जिला प्रशासन की ओर से 15 अस्पतालों की लिस्ट जारी की गई है। जहां पर मरीजों का ठीक तरह से इलाज हो सके। लिस्ट में दिए गए चार अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं। जिन अस्पतालों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है, वह सामान्य मरीजों के बजट से बाहर है। अस्पतालों में सिक्यूरिटी मनी के रूप में 50 हजार से डेढ़ लाख रुपए तक जमा हो रहा है। उसके बाद प्रति दिन का खर्च 15 से 50 हजार रुपए तक है। ऐसे में कोरोना मरीज के इलाज में तीन से पांच लाख रुपए से अधिक का खर्च है। इधर, निजी अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज शुरू करने का आदेश निकलने के एक सप्ताह बाद भी खर्च का पैकेज तय नहीं हो सका है। इससे निजी अस्पतालों में भर्ती होने वाले कोरोना पॉजिटिव मरीज के परिजन परेशान है।
हाईटेक इमरजेंसी
मरीज के एडमिट करने पर 1.50 लाख रुपए सिक्योरिटी मनी जमा करने पड़ेगी। उसके बाद 30 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से खर्च होगा। मेडिसिन तीन से चार हजार रुपए अलग से खर्च होंगे। 10 दिन के इलाज में लगभग 4.50 लाख खर्च आएगा।
नेस्तव हॉस्पिटल
अभी बेड उपलब्ध नहीं है। सिक्योरिटी मनी के रूप में एक से डेढ़ लाख रुपए लगते हैं। नार्मल या आईसीयू बेड के लिए हर दिन 15 हजार रुपए लगेंगे। वेंटिलेटर पर 35 हजार रुपए प्रति दिन का खर्च आएगा। इसमें चार हजार रुपए बेड चार्ज के साथ ही रहने-खाने, डॉक्टर की विजिट का पैसा लगेगा।
क्यूरिस हॉस्पिटल
अभी कोविड मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। अभी बेड लग रहा है। तैयारी चल रही है।
तारा हॉस्पिटल, गांधी मैदान
बेड फुल है कह कर फोन काट दिया।