जिले में बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक, लखनदेई, मनुषमारा और बाया नदी का कहर लगातार जारी है। मंगलवार को अहियापुर विजय छपरा के पास बूढ़ी गंडक का जर्जर तटबंध और साहेबगंज के हलीमपुर पंचायत के देवघर स्थित बाया नदी का तटबंध टूटने से जिले में बाढ़ से हाहाकार की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इसके चलते मुजफ्फरपुर शहर पर एकबार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बूढ़ी गंडक नदी का पानी शहर के शेरपुर ढ़ाव, मिठनसराय, अखाड़ाघाट, आश्रम घाट समेत निचले इलाकों में लगातार फैल रहा है। लोग अपना घरबार छोड़ कर तटबंध पर आश्रय लिए हुए है।
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प्रशासनिक स्तर पर राहत नही मिलने से लोगों में नाराजगी है। बारिश के कहर और कोरोना के बीच जैसे-तैसे वक्त गुजर रहा है। बाढ़ का कहर जिले की 16 में से 13 प्रखंडों तक पहुंच गया है। जबकि छह लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है। बाढ़ के चलते घर और फसल समेत अरबों का नुकसान हुआ है। उधर, बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर वर्ष 1987 के उच्चतम जलस्तर के करीब पहुंच गया है। जलस्तर में लगातार वृद्धि के चलते मुजफ्फरपुर शहर पर बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। शहर को बूढ़ी गंडक नदी के कहर से बचाने के लिए डीएम के निर्देश पर अभियंताओं और अधिकारियों की टीम कैंप कर रही है।