कोरोना वायरस (Coronavirus) के असर के कारण मार्च में लॉक डाउन लगाया गया और इसके बाद से ही देश में सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद है. इसके बाद जून से देश में अनलॉक की प्रकिया शुरू हुई लेकिन देश में स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी नहीं खुले. हालांकि, इस दौरान देश के तमाम स्कूल ऑनलाइन क्लासे की तरफ बढ़े.
भारत में सभी के पास मोबाइल फोन की सुविधा नहीं है और अगर किसी के पास मोबाइल फोन हैं तो उसके पास इंटरनेट की पहुंच नहीं है. जिन लोगों की पहुंच इंटरनेट तक हैं उन्हें नेटवर्क समस्याओं के आए दिन दो चार होना पड़ता है.
भारत के हर राज्य और प्रत्येक गांव कर नेटवर्क की पहुंच अभी तक नहीं हुई है, ऐसे में जिन लोगों को सबसे अधिक समस्या होती है वो हैं बच्चे जो ऑन लाइन क्लास के लिए आए दिन नए जुगाड़ करते हुए नजर आ रहे हैं और राजस्थान के बाड़मेर जिलेके निकटवर्ती दरुड़ा गांव के भीलों की बस्ती निवासी छात्र हरीश कुमार के लिए ऑनलाइन क्लास परेशानी का सबब बन गई है। इसकी वजह गांव में नेटवर्क नहीं होना है। जवाहर नवोदय विद्यालय का विद्यार्थी होने के कारण क्लास अटेंड करना जरूरी है। उसे घर के पास स्थित पहाड़ी की चोटी के ऊपर टेबल कुर्सी लगाकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। हरीश के पिता वीरमदेव बताते हैं कि डेढ़ माह से सुबह 8 बजे हरीश पहाड़ पर चढ़ता है और क्लास खत्म होने के बाद 2 बजे घर लौटता है।