‘गया जी’ में चल रहे पितृमुक्ति के महापर्व पितृपक्ष मेला के दौरान पूरे विश्व से हिंदू धर्म के मानने वाले लोग आते हैं। यहां आकर वे अपने पितरों की मुक्ति की कामना से पिंडदान व तर्पण के कर्मकांडों को पूरा करते हैं। इसी क्रम में रुस की छह महिला पिंडदानी ‘गया जी’ पहुंची।
इससे पहले इन सभी पिंडदानियों ने वाराणसी में पिंडदान के कर्मकांडों को पूरा किया। गुरुवार से ये सभी महिला पिंडदानी ‘गया जी’ में अपने पूर्वजो की आत्मा के शान्ति के लिए पिंडदान व तर्पण किया।
गया पहुंचने वाली पिंडदानियों में रुस की एलेना कशिटसाइना, यूलिया वेरेमिनको, इरेस्को मगरिटा, औक्सना कलिमेनको, इलोनोरा खतिरोबा व इरिना खुचमिस्तोबा शामिल हैं।
सभी महिला श्रद्धालु भारत की सभ्यता-संस्कृिति और साड़ी कल्चर से काफी प्रभावित दिखीं और यहां आने के अनुभव को यादगार बताया। सभी ने अपने पूर्वजों का पिंडदान भारतीय महिला परिधान यानी साड़ी पहनकर किया। इस दौरान सभी ने अपने माथे पर आंचल भी डाल रखा था।
ज्ञात हो कि अभी गयाजी में पितृपक्ष महासंगम को लेकर लाखों तीर्थयात्री अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण करने आये हुए हैं। इस पितृपक्ष मेले में बिहार के राज्यपाल समेत तेलंगाना और हिमाचल के राज्यपाल पिंडदान और तर्पण अपने पितरों के लिए कर चुके हैं।
पूर्व विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के भाई और भाभी समेत कई अन्य वीआईपी भी यहां पिंडदान और तर्पण कर चुके हैं। सनातन धर्म को मानने वाले आमलोगों से लेकर वीआईपी और विदेशियों का गयाजी में पिंडदान और तर्पण के प्रति आस्था बढती ही जा रही है ।