बिहार की राजधानी पटना में संक्रमित मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। गुरुवार को इस बीच पटना एम्स में संविदा पर तैनात नर्सिंग स्टॉफ हड़ताल पर चले गएं। संविदा पर तैनात नर्सिंग स्टॉफ अपनी नौकरी स्थाई करने की मांग कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने वहां पर मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती कर दी है। गेट पर आने-जाने वालों की चेकिंग की जा रही है ताकि बाहरी लोग अनावश्यक रूप से एम्स में नहीं कर पाएं।
एनएमसीएच में संविदा पर बहाल सहायक व सह प्राध्यापक डॉक्टर चार माह के वेतन भुगतान की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार पर जाएंगे। संविदा बहाल डॉक्टरों ने बताया कि हमलोग इस डेडिकेटेड कोरोना अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग व स्थानीय प्रशासन के मौखिक आदेश के बावजूद भी कार्यरत हैं। लेकिन अप्रैल माह से वेतन नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में उनलोगों का भविष्य ऊहापोह की स्थिति में है। संविदा अवधि मई माह में समाप्त हो गई है। पर न तो सेवा विस्तार का पत्र मिला है और न ही वेतन। ऐसे में हमलोग प्राचार्य डॉ. हीरालाल महतो से भी मिलकर समस्याओं को रखा है। फिलहाल अस्पताल में डेढ़ दर्जन डॉक्टर संविदा पर बहाल है। यदि शीघ्र ही वेतन भुगतान नहीं किया गया तो सभी संविदा बहाल डॉक्टर या तो कार्य बहिष्कार करेंगे या फिर हड़ताल पर चले जाएंगे। प्राचार्य ने बताया कि इनकी समस्याओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात हो चुकी है। शीघ्र ही वेतन व संविदा सेवा अवधि विस्तार हो जाएगा।
आपको बता दें कि पटना में कोरोना संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। बुधवार को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर हुई जांच में 25 फीसदी लोग संक्रमित पाए गए हैं। पटना शहरी क्षेत्र के 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बुधवार को 444 लोगों की जांच की गई, जिनमें 108 लोग संक्रमित पाए गए।
डीएम ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करें, ताकि आम लोगों को परेशानी न हो। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बुधवार को 594 थर्मल स्क्रीनिंग, 444 एंटीजन टेस्ट किया गया, जिनमें 108 व्यक्ति पॉजिटिव तथा 336 व्यक्ति निगेटिव पाए गए। डीएम सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होने वाली जांच कर खुद निगरानी करें।