2020 प्रकृति का दिवस का है । इस वर्ष प्रकृति ऐसे ऐसे कारनामें कर रही है कि सभी हैरान हो रहे हैं । कोरोना के क’हर से हम लोग अभी उबर भी नहीं पाएं थे कि, भीषण वर्षा, ठनका और बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया । भूकंप ने अलग ही तरह का क’हर ढ़ाया हुआ है । हरेक दिन कहीं न कहीं झटके महसूस किये जा रहे हैं । ऐसे में हरियाणा के लोगों के बीच एक अजीब तरह की मु’सीबत आन पड़ी है । खबर है कि करीब 3 से 5 किलोमीटर तक की जमीन वहां पर दर’क गई है । इस जमीन के फट’ने लोगों के बीच ह’ड़कंप मचा हुआ है । लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं और
जागरण संवाददाता के मुताबिक, नारनौल क्षेत्र के गांव खेड़ी कांटी में शनिवार को सोमेश्वर मन्दिर (सुम्मा जोहड़) के निकट से लगभग 3 किलोमीटर तक जमीन फ’ने की रहस्यमय घटना हुई है। महेंद्रगढ़ जिले में इससे पूर्व एक दशक पहले भी ऐसी घटना हो चुकी है, हालांकि अभी घटना का सही कारण पता नहीं लग पाया है। कुछ लोग इसे प्राकृतिक हलचल से जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ ग्रामीणों का कहना है कि यहां से पेयजल लाइन दबाई गई थी और अब बारिश के कारण उसकी मिट्टी धंस गई है। ऐसे में यहां पर जमीन फटी हुई नजर आ रही है।
गौरतलब है कि लगभग एक दशक पूर्व खटोटी खुर्द की सीमा में डोहरकलां वाले रास्ते के सामने नारनौल सिंघाना मार्ग के नजदीक दोहन नदी तटबंध की तरफ भी जमीन फटने की घटना हुई थी। उसे अरावली की हलचल से भी जोड़कर देखा गया था।
वहीं, शनिवार को हुई घटना की सही वजह तो जांच के बाद ही सामने आएगी, मगर सच्चाई सामने आने से पहले जितने मुंह उतनी बातें चल रही हैं। वैसे अचानक 3 से 4 किलोमीटर दूर तक जमीन का धंसना रहस्य तो है ही।
जानकारों की मानें तो अधिक संभावना यही है कि दरार किसी भूगर्भीय हलचल का परिणाम है। लोगों का यह भी कहना है कि कुछ दिन पूर्व आए भूकंप के बाद ही दरार आई है। जिस जगह पर दरार आई है उस तरफ ग्रामीण अक्सर आते जाते नहीं है। शुक्रवार को कुछ बच्चे उस ओर गए थे, तब इस बात की जानकारी सामने आई।
वहीं, ज्यादातर लोग इसे अत्यधिक भूजल दोहन का परिणाम भी मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि क्षेत्र में हो रही इस तरह की घटनाएं किसी आपदा का पूर्व संकेत है। सरकार को इसकी गहराई में जाना चाहिए।